Edited By pooja verma,Updated: 24 Aug, 2018 11:06 AM
सुखना लेक के कैचमैंट एरिया में एक बार और जबरदस्त बारिश हुई तो किशनगढ़ के पास बने रेगुलैट्री एंड के गेट खोलने की नौबत आ सकती है।
चंडीगढ़ (विजय) : सुखना लेक के कैचमैंट एरिया में एक बार और जबरदस्त बारिश हुई तो किशनगढ़ के पास बने रेगुलैट्री एंड के गेट खोलने की नौबत आ सकती है। वीरवार को सुखना लेक का वाटर लैवल समुद्री तल से 1160.05 फीट के पास पहुंच गया जोकि खतरे के निशान से अब कुछ ही दूर है।
अगर लेक का वाटर लैवल 1163 फीट तक पहुंच गया तो 10 साल बाद रेगुलैट्री एंड के गेट खोलने पड़ सकते हैं। वीरवार को रेगुलैट्री एंड का वाटर लैवल काफी अधिक बढ़ गया। पिछले 24 घंटे के दौरान सुखना लेक के कैचमैंट एरिया में औसत बारिश दर्ज की गई है। नेपली फॉरेस्ट में जहां 18 एम.एम. बारिश बताई जा रही है वहीं, कांसल में 21.50 एम.एम. बारिश रिकॉर्ड की गई है।
1163 फीट से अधिक लैवल कभी नहीं हुआ
अधिकारियों की मानें तो अगर इससे थोड़ी अधिक बारिश और हुई तो लेक का वाटर लैवल अपनी अधिकतम सीमा तक पहुंच जाएगा। 1163 फीट से अधिक पानी का लैवल सुखना लेक में कभी भी दर्ज नहीं किया गया।
वीरवार को भी यू.टी. के इंजीनियरिंग और फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट की नजर सुखना लेक के वाटर लैवल पर ही थी। वर्ष 2012 में सुखना लेक का वाटर लैवल 1162.9 फीट तक पहुंच गया था जबकि 2015 में लेक का वाटर लैवल 1161.05 फीट दर्ज किया गया था। वहीं, पिछले साल वाटर लैवल 1161.90 फीट तक जा पहुंचा था।
फिर भी लगेगा सीवरेज प्लांट
मानसून महरबान होते ही सुखना लेक अब पूरी तरह भर चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि अगले साल सुखना लेक के सूखने की कोई गुंजाइश नहीं बची है लेकिन बावजूद इसके चंडीगढ़ प्रशासन लेक के पास ही सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट लगाने की पूरी तैयारी में है।
सूत्रों के अनुसार प्रशासन नहीं चाहता है कि भविष्य में सुखना लेक में पानी की कोई कमी रहे। यही वजह है कि कैंबवाला से निकलने वाले सीवरेज के पानी को ट्रीट करने के लिए किशनगढ़ के पास ही ट्रीटमैंट प्लांट लगाने का प्रोपोजल तैयार किया जा रहा है।