पानी के बढ़े हुए रेट वापस नहीं हुए तो चंडीगढ़ में होगा दिल्ली चुनावों जैसा हाल

Edited By Priyanka rana,Updated: 24 Feb, 2020 10:28 AM

water rate

फैडरेशन ऑफ सैक्टर्स वैल्फेयर एसोसिएशंस ऑफ चंडीगढ़ (फॉसवेक) की मासिक बैठक सैक्टर-44 के कम्युनिटी सैंटर में हुई, जिसमें भारी संख्या में सदस्यों ने हिस्सा लिया।

चंडीगढ़(राजिंद्र) : फैडरेशन ऑफ सैक्टर्स वैल्फेयर एसोसिएशंस ऑफ चंडीगढ़ (फॉसवेक) की मासिक बैठक सैक्टर-44 के कम्युनिटी सैंटर में हुई, जिसमें भारी संख्या में सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर चंडीगढ़ की मेयर राजबाला मलिक सदस्यों की समस्याएं और सुझाव सुनने के लिए मीटिंग में उपस्थित रहीं। उन्होंने कहा कि वह सभी वैल्फेयर एसोसिएशंस के सहयोग से चंडीगढ़ को फिर ‘द सिटी ब्यूटीफुल’ बनाने का प्रयास करेंगी और लोगों को नगर निगम से संबंधित जो भी समस्याएं हैं, वह उन्हें दूर करेंगी। 

फॉसवेक के चेयरमैन बलजिंदर सिंह बिट्टू ने कहा कि नगर निगम ने चंडीगढ़ में पानी की कीमतों में जो बढ़ौतरी की है, वह नाजायज है। यह बहुत अफसोसजनक है कि पार्षदों द्वारा इतना महत्वपूर्ण एजैंडा बिना किसी विचार-विमर्श के पास कर दिया गया। 

उन्होंने प्रश्न उठाया कि जब दिल्ली में पानी लोगों को मुफ्त दिया जा सकता है तो चंडीगढ़ में क्यों नहीं? उन्होंने नगर निगम के सभी पार्षदों को चेतावनी दी की अगर समय रहते यह गलती नहीं सुधारी गई तो आने वाले निगम चुनावों में जनता उन्हें सबक सिखाएगी।

पी.जी. संचालकों पर नकेल कसो :
फॉसवेक के मुख्य प्रवक्ता और सैक्टर-38 वैस्ट आर.डब्ल्यू.ए. के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने चंडीगढ़ में अवैध रूप से घरों में चल रहे पी.जी. का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यदि चंडीगढ़ प्रशासन ने सही समय पर इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए होते तो सैक्टर-32 में हुए हादसे को टाला जा सकता था।

जिसमें आग लगने की वजह से तीन मासूम युवतियां मारी गईं और अन्य दो गंभीर रूप से घायल हुईं। सभी सदस्यों ने इस हादसे में मरने वाली युवतियों रिया, मुस्कान और पाक्षी को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि भेंट की।

स्मार्ट सिटी के नाम पर थोपे जा रहे टैक्स :
हाऊस होल्डर्स वैल्फेयर एसोसिएशन, सैक्टर-8 के प्रधान आर.एस. गिल ने चंडीगढ़ में दिन प्रति-दिन बढ़ रही आवारा कुत्तों की समस्या और इस संबंध में नगर निगम की उदासीनता पर अपने विचार रखे। फॉसवेक के मुख्य सलाहकार के.एस. पंछी ने कहा कि नगर निगम और प्रशासन अब प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने की तैयारी कर रहा है जो अनुचित है। चंडीगढ़ को स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर लोगों पर अनावश्यक कर लगाए जा रहे हैं। 

सलाहकार के.एस. चौधरी ने डंपिंग ग्राऊंड से उठते प्रदूषण और बदबू को लेकर कहा कि इसे रोकने के नगर निगम के सभी दावे खोखले सिद्ध हुए हैं। सोशल वेलफेयर सोसाइटी, सैक्टर-18 के उप प्रधान एच.एस. सारों ने कहा कि नगर निगम द्वारा बनाई गई वार्ड कमेटियों का क्या औचित्य है, जब उनकी मीटिंग्स ही नहीं होती। उन्होंने कहा कि वैल्फेयर एसोसिएशन को मीटिंग के लिए काऊंसलर की लिखित अनुमति के बिना कम्युनिटी सैंटर को प्रयोग करने नहीं दिया जाता, जो गलत है। 

वन टाइम सैटलमैंट का फार्मूला लागू किया जाए :
सैक्टर-38 वैस्ट रैजीडैंट्स यूनाइटेड फ्रंट के सलाहकार एस.के. बुद्धिराजा ने कहा कि चंडीगढ़ में साफ-सफाई की दशा बहुत खराब है और जगह-जगह कूड़े के ढेर देखे जा सकते हैं। 

सैक्टर-39 आर.डब्ल्यू.ए. के अध्यक्ष अमरदीप सिंह ने कहा कि दिल्ली पैटर्न पर चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड को लोगों द्वारा जरूरत के हिसाब से किए गए बदलाव रैगुलर किए जाने चाहिए और इस संबंध में वन टाइम सैटलमैंट का फार्मूला लागू किया जाना चाहिए। लोगों को बेवजह नोटिस भेजकर परेशान न किया जाए।

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