Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Apr, 2018 08:55 AM
चंडीगढ़ प्रशासन ने महिला सशक्तिकरण और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक अहम फैसला लिया है
चंडीगढ़(राजिंद्र) : चंडीगढ़ प्रशासन ने महिला सशक्तिकरण और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक अहम फैसला लिया है, जिसके तहत जल्द ही अब वैब बेस्ड टैक्सी को महिलाएं चलाएंगी। प्रशासन ने ट्रांसपोर्ट डिपार्टमैंट को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा है, जिसे कि जल्द लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
वूमैन ऑन व्हील्स प्रोजैक्ट के तहत ओला, ऊबर और अन्य वैब बेस्ड टैक्सी कंपनियों को कम से कम 25 महिला ड्राइवर रखना अनिवार्य होगा। इससे कम ड्राइवर रखने पर कंपनी के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई करेगा, जबकि इससे अधिक महिला ड्राइवर रखने की उन्हें छूट होगी।
शहर में महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराध के चलते प्रशासन ने ये फैसला लिया है ताकि इसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। प्रशासन का ये प्रोजैक्ट महिला पेसैंजर्स को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया, ताकि महिला ड्राइवर के साथ वे बिना किसी खौफ के सफर कर सकें।
सुबह 7 से शाम 7 बजे तक रहेगी टाइमिंग :
वूमैन ऑन व्हील्स प्रोजैक्ट के तहत महिला ड्राइवर सुबह 7 से शाम 7 बजे तक टैक्सी चलाती हुई दिखाई देंगी। ये समय इसलिए निर्धारित किया गया है, ताकि टैक्सी कंपनियों में महिलाओं को इस समय नौकरी करने में भी किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
बताया जा रहा है कि प्रशासन के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमैंट द्वारा ओला, ऊबर व अन्य वैब बेस्ड टैक्सी कंपनियों में रखी जाने वाली महिला ड्राइवरों को स्पैशल ट्रेनिंग भी दी जाएगी, ताकि उन्हें नौकरी करने में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े और वे सही रूप से अपनी ड्यूटी का निर्वाह कर सकें। महिला पैसेंजर द्वारा इस निर्धारित समय में जब भी बुकिंग की जाएगी तो महिला ड्राइवरों द्वारा ही उसे पिक एंड ड्रॉप की सुविधा के साथ अटैंड किया जाएगा।
मोबाइल ऐप्प में भी ऑप्शन :
कंपनी द्वारा वूमैन ऑन व्हील्स की अपनी मोबाइल ऐप्प में भी ऑप्शन दी जाएगी, ताकि महिला ड्राइवर वाली टैक्सी बुक करने में उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। महिला पैसेंजर मोबाइल ऐप्प पर इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगी। यह सुविधा केवल महिला पैसेंजर के लिए ही होगी।
फिलहाल पार्किंग में काम कर रही महिलाएं :
अभी शहर में पार्किंग में महिलाएं काम कर रही हैं। नगर निगम ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए पार्किंग में महिलाओं की ड्यूटी लगाई थी। मुम्बई की कंपनी आर्य टोल इंफ्रा लिमिटेड को ठेका दिया गया था, जिन्होंने पार्किंग का काम शुरू करते समय 300 महिला स्टाफ को नौकरी पर रखा था।
ट्रेनिंग के बाद 200 महिला स्टाफ रह गया था। इसमें से भी काफी स्टाफ ने बाद में नौकरी छोड़ दी थी। लेकिन अभी भी कई पार्किंग में महिला स्टाफ की कंपनी ने तैनाती की हुई है। इनमें मुख्य रूप से सैक्टर-17 की मल्टी लैवल पार्किंग समेत एलांते और अन्य पार्किंग्स शामिल हैं।
शहर में 3500 से 4000 वैब बेस्ड टैक्सी :
शहर में इस समय ओला, ऊबर और अन्य कंपनियों की करीब 3500 से 4000 के करीब वैब बेस्ड टैक्सियां चल रही हैं। लेकिन अभी फिलहाल इनमें एक भी महिला ड्राइवर नहीं है। यू.टी. प्रशासन ने इस प्रोजैक्ट इसलिए शुरू करने का फैसला लिया है, ताकि महिलाओं को रोजगार के साथ सुरक्षा भी मुहैया करवाई जा सके। प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रांसपोर्ट डिपार्टमैंट को इस प्रोजैक्ट को लागू करने के निर्देश दे दिए हैं।