क्या डी.सी. किसी दबाव में नहीं ले पा रहे कोई फैसला?

Edited By pooja verma,Updated: 09 Jan, 2020 10:28 AM

what dc can t take any decision under any pressure

गांव मगरा में सरकारी गौशाला में गत् एक माह से 100 से अधिक गाय मर चुकी हैं तथा एस.डी.एम., वैटर्नरी डॉक्टर से लेकर कई समाज सेवी, हलका विधायक आदि गौशाला की केयरटेकर ध्यान फाउंडेशन की लापरवाही होने की बात कह चुके हैं तथा डिप्टी कमिश्नर को लगातार रिपोर्ट...

लालडू (गुरप्रीत): गांव मगरा में सरकारी गौशाला में गत् एक माह से 100 से अधिक गाय मर चुकी हैं तथा एस.डी.एम., वैटर्नरी डॉक्टर से लेकर कई समाज सेवी, हलका विधायक आदि गौशाला की केयरटेकर ध्यान फाउंडेशन की लापरवाही होने की बात कह चुके हैं तथा डिप्टी कमिश्नर को लगातार रिपोर्ट भी दी गई। लेकिन न जाने डिप्टी कमिश्नर अभी तक किसी नतीजे पर क्यों नहीं पहुंंचे है। 

 

सूत्रों अनुसार ध्यान फाउंडेशन के सिर पर पंजाब सरकार के दरबार के किसी आला अधिकारी का हाथ है। जिसके चलते ध्यान फाउंडेशन पर डिप्टी कमिश्नर कोई फैसला नहीं ले सके। अब निगाहें 9 जनवरी को गौशाला के संबंध में होने वाली बैठक पर टिकी है। ध्यान फाउंडेशन पर नर्मं रवैये के कारण अधिकारी व डाक्टरों में बेचैनी है। 

 

सभी जिम्मेदारी से झाड़ रहे पल्ला
ध्यान फाउंडेशन व प्रशासन एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल कर सभी अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। जहां एस.डी.एम. की ओर से दी गई रिपोर्ट में ध्यान फाउंडेशन द्वारा गायों की ठीक ढंग से देखभाल न करने व गौशाला में साफ सफाई व खाने-पीने का प्रंबध सही तरीके से न किए जाने की बात कही गई है। वहीं, वैटर्नरी डॉक्टर्स ने भी ध्यान फाउंडेशन पर ऐसे ही आरोप लगाए। वहीं दूसरी ओर ध्यान फाउंडेशन की ओर से गायों की ऐसी हालत के लिए सीधा-सीधा प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।

 

प्रबंध नाकाफी, गौशाला में दो गौवंश और मरे
प्रशासन व सरकार के बेरुखी के चलते गौवंश के साथ अत्याचार हो रहा है। बारिश व ठंड से बचाने के लिए प्रशासन की ओर से किए प्रंबध नकाफी है। दो दिन से हो रही बारिश में खड़ी गाय ठंड में ठिठुर रही है। गौशाला में फैले कीचड़ से गायों का बुरा हाल है। खाने के लिए गाय तरस रही है। बुधवार को दो गायों ने दम तोड़ा तथा कई बीमार हैं। वहीं बुधवार सुबह दस बजे डिप्टी कमिश्नर का गौशाला में आने का प्रोग्राम था जो अचानक रद्द कर दिया गया।

 

डॉक्टरों पर हमले पर चुप्पी
गायों के इलाज के लिए गए सीनीयर वैटर्नरी डा बिमल शर्मा व अन्य डाक्टरों पर कथित तौर पर गौशाला में हुए हमले पर कई दिन बीत जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि डाक्टरों ने पुलिस को शिकायत दी थी। मामला पशु पालन विभाग के डायरैक्टर, सचिव से लेकर डिप्टी कमिश्नर तक पहुंचा लेकिन सभी इस मामले में चुप्प हैं तथा गौशाला में गायों का मरना जारी है।

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