क्या अब मोहाली के विकास की रुकी फाइलें होंगी क्लीयर?

Edited By bhavita joshi,Updated: 12 Jun, 2019 12:27 PM

will the files of mohali s development files be cleared now

स्थानीय निकाय विभाग पंजाब यह विभाग में ही मोहाली के बड़े प्रोजैक्टों पर मोहर लगती है, पहले यह विभाग पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्वू के पास था।

मोहाली(राणा): स्थानीय निकाय विभाग पंजाब यह विभाग में ही मोहाली के बड़े प्रोजैक्टों पर मोहर लगती है, पहले यह विभाग पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्वू के पास था। लेकिन पंजाब के सी.एम. से अनबन के चलते उनसे यह विभाग वापस लेकर इस विभाग को ब्रहम मोहिंद्रा को दे दिया गया है, लेकिन अब देखना यह है कि जो इतने लंबे समय से निकाय विभाग में मोहाली के अहम प्रोजैक्टों की फाइलें दबी पड़ी हैं। क्या मोहिंद्रा के आने से अब उन फाइलों का नंबर आ पाएगा क्योंकि वह सभी प्रोजैक्ट मोहाली के लोगों से जुड़े हुए हैं जो निकाय विभाग ने अभी तक क्लीयर नहीं किए हैं।

इन प्रोजैक्टों की रुकी हैं फाइलें


1. सिटी बस सर्विस: इसकी नगर निगम की ओर सभी तैयारियां पूरी भी कर ली गई थी यहीं नहीं निगम ने शहर में कहां-कहां पर बस स्टोपिज बनाए जाने हैं उसके भी रूट बनाकर दो बार निकाय विभाग को भेजे गए थे। सिटी बस सर्विस न चलने के कारण लोगो को आटो में धक्के खाने पड़ रहे हैं। वहीं निगम की ओर से लाखों रूपये खर्च कर सिटी बस के लिए शहर में कई जगहों पर क्यू शैल्टर बनवाए गए थे। वह भी बसों का इंतजार करते-करते टूटने लगे हैं।  


2. सीवरेज : शहर में जो सीवरेज डाली गई है वह लगभग 40 साल से भी पुरानी हो चुकी है। जो लीक होती रहती है। इसके समाधान के लिए निगम ने प्रोपोजल बनाकर निकाय विभाग भेजा था लेकिन मंजूरी न मिलने के कारण लाचार निगम दिखाई दे रहा है। 

लाखों की प्रूनिंग मशीन का पंगा नहीं हो पाया क्लीयर
जानकारी अनुसार जो लाखों की प्रूनिंग मशीन निगम की ओर से विदेश से खरीदी गई थी, वह मामला भी अभी तक अधर में लटका पड़ा है क्योंकि निकाय विभाग के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्वू ने मोहाली के मेयर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए विदेश से प्रूनिंग मशीन खरीदने के प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद अभी न तो उस मशीन को वापस किया गया और न ही उसकी खरीद के लिए दिए लाखों रूपयों की वापसी हो पाई है।

15 लाख से ऊपर का प्रस्ताव पास नहीं किया जाता, शहरवासियों को होती है परेशानियां
वहीं बीजेपी पार्षद अशोक झा के मुताबिक जो मुद्दे शहर के लोगों से जुडे होते हैं वह तो निकाय विभाग रोक देता है, साथ हाउस की मीटिंग में जो भी प्रस्ताव 15 लाख से ऊपर का भेजा जाता है उसे निकाय विभाग पास नहीं करता। जिसके कारण शहर के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

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