चाणक्य नीति: इन 3 लोगों का भला करने पर होती है दुख की प्राप्ति

Edited By ,Updated: 13 Oct, 2016 09:05 AM

chanakya niti

आमतौर पर यही माना जाता है कि दूसरों का भला करने से अपना भला होता है परंतु ऐसा नहीं है। चाणक्य ने ऐसे तीन लोगों के बारे में

आमतौर पर यही माना जाता है कि दूसरों का भला करने से अपना भला होता है परंतु ऐसा नहीं है। चाणक्य ने ऐसे तीन लोगों के बारे में बताया है कि जिनका भला करने से व्यक्ति को दुख मिलने की संभावना अधिक होती है। आचार्य चाणक्य की इस नीति के अनुसार व्यक्ति को इन तीनों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।

 

चाणक्य कहते हैं-
मूर्खाशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च।
दु:खिते सम्प्रयोगेण पंडितोऽप्यवसीदति।।

 

* चाणक्य के अनुसार मूर्ख स्त्री या पुरुष को ज्ञान या उपदेश नहीं देना चाहिए। हम इन लोगों को ज्ञान देकर इनका भला करते हैं लेकिन मूर्ख व्यक्ति इस प्रकार की बातों को नहीं समझता। वे व्यर्थ की बातें करके समय नष्ट करते हैं। मूर्ख व्यक्ति को ज्ञान देने से मानसिक तनाव झेलना पड़ता है इसलिए इस प्रकार के लोगों से दूरी बनाकर रखें। 

 

* चरित्रहीन अौर बुरे स्वभाव वाली स्त्री का पोषण करने वाले व्यक्ति को कभी भी सुख की प्राप्ति नहीं होती। ऐसी महिलाएं केवल धन की लोभी होती हैं। सज्जन पुरुष ऐसी स्त्री के साथ रहता है तो उसे समाज अौर परिवार में अपयश ही मिलता है। जो स्त्री धर्म के मार्ग से भटकती है वह खुद पाप करके दूसरों को भी उसी में धकेलती है। इसलिए ऐसी स्त्रियों से दूर रहना चाहिए। 

 

* चाणक्य के अनुसार जो लोग भगवान के दिए सुखों से संतुष्ट नहीं होते अौर हर घड़ी अपने दुख का ही रोना रोते रहते हैं। ऐसे लोगों के साथ रहने से दुख की ही प्राप्ति होती है। समझदार लोग जो मिला उसी में संतोष करके खुश रहते हैं। बिना कारण दुखी रहने वाले लोग दूसरों से ईर्ष्या करते रहते हैं। वे स्वयं कभी सुखी नहीं रहते। ऐसे लोगों से दूर रहने में ही भलाई है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!