Kundli Tv- अपने अपमान का करारा जवाब देने की बजाए करें ये काम, बदल जाएगी Life

Edited By Jyoti,Updated: 11 Aug, 2018 04:51 PM

instead of answering your humiliation do this work

आजकल हर व्यक्ति अपनी लाइफ में बिज़ी, जिस कारण ज्यादातर घरों में की तरह की समस्याएं देखने को मिल रही है। लोगों के बीच प्यार, समझदारी आदि की भावना तो देखने को मिलती ही नहीं। हर दूसरा इंसान दिल में अंहकार और जलन लिए फिर रहा है।

ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)
आजकल हर व्यक्ति अपनी लाइफ में बिज़ी, जिस कारण ज्यादातर घरों में की तरह की समस्याएं देखने को मिल रही है। लोगों के बीच प्यार, समझदारी आदि की भावना तो देखने को मिलती ही नहीं। हर दूसरा इंसान दिल में अंहकार और जलन लिए फिर रहा है। इसी के चलते एेसे लोग दूसरों का बहुत बुरी तरह से किसी का अपमान कर देते हैं। इनमें से कई एेसे होते हैं, जिन्हें इससे फ़र्क नहीं पड़ता जबकि कई लोग इस अपमान को सहन नहीं कर पाते और अपमानित होने के बाद वह भी उस व्यक्ति से बदला लेने की ठान लेते हैं। तो यदि आपके साथ भी एेसे ही कुछ हो रहा है तो आज हम आपको महात्मा बुद्ध का एक एेसा चर्चित प्रसंग बताने जा रहे हैं जिससे आप समझ जाएंगे कि किसी से बदला कैसा लेना चाहिए। 

PunjabKesari
एेसे सिखाएं मूर्खता के लिए सबक़
महात्मा बुद्ध के एक शिष्य का किसी ने एक बार अपमान कर दिया था और उनका शिष्य क्रोधित हो गया। इसके बाद महात्मा बुद्ध ने उसे कैसे शांत करवाया इसके बारे में यह कहानी है। 

PunjabKesari
एक दिन शाम के समय महात्मा बुद्ध बैठे हुए थे। वो डूबते हुए सूर्य को एकटक होकर देख रहे थे। अचानक उनका एक शिष्य आया और ग़ुस्से में बोला, स्वामी रामजी नाम के एक ज़मींदार ने मेरा अपमान किया है। आप तुरंत मेरे साथ चलकर उसे उसकी मूर्खता के लिए सबक़ सिखाएं। महात्मा बुद्ध अपने शिष्य की बात सुनकर मुस्कुराने लगे। महात्मा बुद्ध ने मुस्कुराते हुए ही कहा, प्रिय तुम बौद्ध हो और एक सच्चे बौद्ध का अपमान करने की शक्ति किसी भी व्यक्ति के अंदर नहीं होती है। तुम अपमान वाली इस बात को जल्दी से जल्दी भूलने की कोशिश करो। जब तुम इस घटना को भूल जाओगे तो अपमान बचेगा ही नहीं। महात्मा बुद्ध की बात सुनकर शिष्य ने कहा लेकिन तथागत उस धूर्त ज़मींदार ने आपने लिए भी अपशब्दों का प्रयोग किया था। आपको उसे सबक़ सिखाने के लिए चलना ही होगा। आपको देखते ही वह शर्मिंदा हो जाएगा और अपने किए हुए के लिए क्षमा याचना करेगा। 
PunjabKesari

महात्मा बुद्ध को यह समझते देर नहीं लगी कि शिष्य बदले की भावना से भरा हुआ है। अभी इसे समझाने से कोई फ़ायदा नहीं होने वाला है। कुछ सोचने के बाद बुद्ध बोले, अगर ऐसी बात है तो में अभी रामजी के पास चलूंगा और उसे समझाने का प्रयास करूंगा। महात्मा बुद्ध ने शिष्य से कहा हम सुबह चलेंगे। अगले दिन सुबह बात पुरानी हो गई थी। शिष्य भी अपने काम में लग गया और महात्मा बुद्ध अपने ध्यान में। दोपहर हो जाने के बाद भी जब शिष्य ने अपमान वाली घटना के बारे में कुछ नहीं कहा तो बुद्ध ने स्वयं ही शिष्य से पूछा आज रामजी के पास चलना है न? शिष्य ने कहा नहीं गुरु जी। जब मैंने घटना पर फिर से सोचा तो मुझे यह अहसास हुआ कि ग़लती मेरी ही थी। मुझे अपनी ग़लती का पश्चाताप है। अब रामजी के पास चलने की कोई आवश्यकता नहीं है। महात्मा बुद्ध ने शिष्य की बात सुनकर कहा कि अब ऐसी बात है तो हमें ज़रूर रामजी के पास चलना होगा। तुम अपनी भूल के लिए माफ़ी नहीं मांगोगे। महात्मा बुद्ध की इस कहानी से यही पता चलता है कि इंसान को हर परिस्थिति में धैर्य से काम लेना चाहिए। जब भूल किसी और से हो तो हमें उसे माफ़ कर देना चाहिए और अपनी भूल के लिए माफ़ी माँग लेनी चाहिए।
अगर आपको लगी है नज़र तो ये हैं लक्षण (देखें Video)

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!