क्या चीन को अपने ही नागरिकों से खतरा ? कम्युनिस्ट पार्टी करवा रही अपनी आबादी की हाइटैक निगरानी

Edited By Tanuja,Updated: 09 Aug, 2020 04:23 PM

china uses tech as tool of repression to monitor citizens us commission

चीन की शी जिनपिंग सरकार अपनी महत्वकांशाओं और विस्तारवादी नीतियों को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। फिर मुद्दा चीन के

वॉशिंगटनः चीन की शी जिनपिंग सरकार अपनी महत्वकांशाओं और विस्तारवादी नीतियों को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। फिर मुद्दा चीन के नागरिकों की निगरानी का हो या दुनिया पर धौंस जमाने का । चीन की शी जिनपिंग सरकार की कम्युनिस्ट पार्टी को लेकर अमेरिकी आयोग ने एक नया खुलासा किया है। अमेरिकी कांग्रेस आयोग के अनुसार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी कोरोना वायरस डाटा की आड़ में अपनी आबादी की निगरानी कर रही है।  इससे एक सवाल यह भी उठता है कि दुनिया की नाक में दम करने वाला चीन क्या अपने ही नागरिकों से खतरा महसूस कर रहा है ।

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एक संयुक्त बयान में रॉबिन क्लीवलैंड और यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन के वाइस चेयरमैन कैरोलिन बार्थोलोम्यू ने कहा कि चीन सरकार द्वारा अपने नागरिकों के दमन के लिए अब यह हाई टैक तरीका अपनाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीनी सरकार अत्याधुनिक निगरानी कैमरों द्वारा बीजिंग के हर कोने की निगरानी कर रही है। दरअसल उइगर मुसलमानों के मुद्दे व अल्पसंखयक समुदायों को लेकर चीन को बगावत का डर सताता रहता है इसलिए अपने नागरिकों  की हरकतों पर नजर रखने के लिए चीन मोटी रकम खर्च कर रहा है। 

 

फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार टेक स्टार्ट-अप्स के स्कोर के साथ दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश चीन में निगरानी एक तेजी से बढ़ता व्यवसाय बन गया है। चीन में ये सब कुछ इसलिए होता है, ताकि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना सुरक्षित रहे। बेकसूरों का खून भले ही बह जाए, लेकिन CCP के एजेंडे को रत्तीभर भी फर्क न पड़े इसलिए वो लगातार अपने ही लोगों पर नजर रखती है। कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने चीन के अपने नागरिकों खासकर अल्पसंख्यक समूहों के इस दमन और दुर्व्यवहार के लिए चिंता जताई है।

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बीजिंग इस निगरानी तंत्र के लिए एकीकृत संयुक्त संचालन मंच (IJOP) नामक एक प्रणाली का उपयोग करता है, जिसमें संपूर्ण आबादी को ऑडिट करने की क्षमता है। यह प्रणाली एक राज्य के स्वामित्व वाली सैन्य ठेकेदार चीन इलेक्ट्रॉनिक्स प्रौद्योगिकी निगम, IJOP द्वारा विकसित की गई है। कहा जाता है कि चीनी सैन्य सिद्धांतकारों ने यह शोध किया था कि इराक और अफगानिस्तान में युद्धों के दौरान अमेरिकी सेना ने सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कैसे किया और वहां से कैसे बढ़ाया। बता दें कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अपने नागरिकों पर निगरानी रखने के लिए 196 बिलियन डॉलर तक खर्च करती है जो भारतीय करेंसी के हिसाब से 15 लाख करोड़ रुपए है।

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चीन की जनसंख्या 140 करोड़ है, इस तरह चीन तकरीबन 1000 रुपए प्रति वर्ष अपने नागरिकों की निगरानी पर खर्च करता है। 15 लाख करोड़ चीन में पुलिस, खुफिया तंत्र, जेल, अदालत पर खर्च होता है जो उसके कुल खर्च का 7% है और सैन्य बजट से ज्यादा है। दरअसल, चीन में वन पार्टी सिस्टम है। मतलब एक ही पार्टी की सरकार बनती रहती है, बस नेता बदल जाते हैं। सैद्धांतिक रूप से चीन को 3 संस्थान चलाते हैं. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना, सेना और सरकार। लेकिन असल में सारा कंट्रोल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना ही करती है।

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