Edited By ,Updated: 22 Feb, 2016 03:35 PM
भारतीय ज्योतिष शास्त्र ने जीवन के हर आश्रय पर प्रकाश डाला है। ज्योतिष के अनुसार कुण्डली का पांचवा भाव प्रेम को संबोधित करता है। सातवां भाव प्रेम
भारतीय ज्योतिष शास्त्र ने जीवन के हर आश्रय पर प्रकाश डाला है। ज्योतिष के अनुसार कुण्डली का पांचवा भाव प्रेम को संबोधित करता है। सातवां भाव प्रेम में स्थिरता को संबोधित करता है। कुण्डला का आठवां भाव प्रेम से सुख को संबोधित करता है तथा कुण्डली का बारवां भाव प्रेम से मिलने वाले स्थायित्व को संबोधित करता है। दैनिक जीवन में प्रेमी को दिए जाने वाले तोहफे हमारे प्रेम जीवन में बहुत प्रभाव डालते हैं। कभी भी प्रेमी को ऐसी गिफ्ट न दें जिनसे की संबंधों में दरार आ जाए।
* स्टील अथवा लोहे से बने फ्लास्क
* धार्मिक मूर्तियां
* परफ्यूम
* रूमाल
* मिट्टी से बनी हुई मूर्तियां
* खाकी और स्लेटी रंग के कपड़े
* बैटरी से चलने वाला इलैक्ट्रोनिक सामान
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com