Edited By ,Updated: 07 Dec, 2015 10:09 AM
मृत्यु को प्राप्त हो रहे व्यक्ति के साथ क्या करना चाहिए इस संदर्भ में सभी धर्मों के अपने-अपने मत हैं। अधिकतर लोग यही चाह रखते हैं की उनके जीवन का अंत शांतिपूर्वक
मृत्यु को प्राप्त हो रहे व्यक्ति के साथ क्या करना चाहिए इस संदर्भ में सभी धर्मों के अपने-अपने मत हैं। अधिकतर लोग यही चाह रखते हैं की उनके जीवन का अंत शांतिपूर्वक ढग से हो। मृत्यु के समय भटकाव और बेचैनी से बचने के लिए यह काम जरूर करने चाहिए।
मृत्यु की आगोश में जा रहे व्यक्ति के पास निरंतर रूप से दिन-रात एक देसी घी का दीया जला कर रखें क्योंकि इससे एक विशेष तरह के आभामंडल का निर्माण होता है, जिससे मृत्यु की घबराहट, चिंता और बेचैनी काफी हद तक कम हो जाती है।
अपने जीवनकाल में व्यक्ति जिस इष्ट की उपासना करता हो उनका नाम जाप अथवा मंत्र सीडी पर चला दें। इसके अतिरिक्त धीमी ध्वनि में ‘ब्रह्मानंद स्वरूप’ जैसे मंत्रों का उच्चारण भी किया जा सकता है। जब व्यक्ति के कानों में ऐसी ऊर्जावान ध्वनि जाती है तो उसकी अशांतिपूर्ण मृत्यु का खिंचाव कम हो जाता है।
वैद्यक-संबंधी ज्ञान रखने वाले विद्वानों का मानना है की जब तक व्यक्ति की पूर्ण रूप से अंतेष्टी नहीं हो जाती तब तक दिया जलाने और मंत्रोच्चारण की प्रक्रिया करते रहना चाहिए क्योंकि सिर्फ व्यक्ति का शरीर जला दिया जाता है लेकिन उसका अस्तित्व मरा नहीं होता। दूसरी दुनिया में उसके जाने की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई होती।