Edited By ,Updated: 10 Sep, 2016 12:36 PM
व्यक्ति घर में सुख-शांति अौर पितरों की तृप्ति के लिए यज्ञ, पूजा अौर श्राद्ध कर्म करवाते हैं। इन सभी कार्यों में बहुत सारी बातों का ध्यान रखा जाता है। पूजा के मुहूर्त से लेकर
व्यक्ति घर में सुख-शांति अौर पितरों की तृप्ति के लिए यज्ञ, पूजा अौर श्राद्ध कर्म करवाते हैं। इन सभी कार्यों में बहुत सारी बातों का ध्यान रखा जाता है। पूजा के मुहूर्त से लेकर सामग्री तक प्रत्येक काम सोच-समझ कर करने की आवश्यकता है। इन सभी बातों के अतिरिक्त हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि कौन से पंडित से ये पूजा-पाठ करवाएं। गरुड़ पुराण में बताया है कि किस प्रकार के पंडित या ब्राह्मणों के भूलकर भी पूजा, यज्ञ अौर श्राद्ध कर्म नहीं करवाना चाहिए।
* जादू-टोना करने वाले पंडितों से यज्ञ, पूजा अौर श्राद्ध करवाने से पितरों को नरक की प्राप्ति होती है।
* बकरी का पालन करने वाले, चित्रकार, वैद्य और ज्योतिषी इन चार प्रकार के पंडितों से पूजा न करवाएं। इनसे पूजा करवाने पर उसका लाभ प्राप्त नहीं होता।
* काना, गूंगा, मूर्ख, गुस्सा करने वाला अौर जो देखने में विचित्र लगे ऐसे पंडितों से भी पूजन अौर श्राद्ध नहीं करवाना चाहिए।
* लालची अौर जिस पंडित को वेदों का ज्ञान न हो उससे पूजन अौर यज्ञ करवाने पर उसके फल की प्राप्ति नहीं होती है।
* बुरे लोगों से मित्रता रखने वाले अौर शनि का दान लेने वाले पंड़ितों से भूलकर भी पूजन कार्य न करवाएं।
* दूसरों से ईर्ष्या अौर बुरे कार्यों को करने वाले पंड़ितों का चुनाव नहीं करना चाहिए।
* दूसरों का धन हड़पने, झूठ, हिंसा करने वाले पंडितों या ब्राह्मणों से पूजा न करवाएं। इनके दोष के भागी हम भी बन सकते हैं।
* सोने के आभूषण बेचने वाले पंड़ितों से यज्ञ, पूजा न करवाएं ये गलत माना जाता है।
* पराई स्त्री से संबंध रखने वाला, महिला के वश में रहने वाला अौर दूसरों की स्त्री पर बुरी नजर रखने वाले से पूजा करवाने पर पाप माना जाता है।
* निंदा, चुगली अौर नशा करने वाले ब्राह्मणों से पूजा, यज्ञ या श्राद्ध कर्म करवाने वाले व्यक्ति को नरक मिलता है।