Edited By ,Updated: 05 Oct, 2016 11:14 AM
भगवान को कहीं खोजने की जरूरत नहीं है। वह हम सबके हृदय में मौजूद है, अगर जरूरत है तो सिर्फ महसूस करने की। वह मुझमें भी है और
भगवान को कहीं खोजने की जरूरत नहीं है। वह हम सबके हृदय में मौजूद है, अगर जरूरत है तो सिर्फ महसूस करने की। वह मुझमें भी है और तुममें भी। वह आदिकाल से इस नश्वर जीव जगत में एक उजाले की तरह है जो अंधेरा (पाप) बढऩे पर जरूर आता है।
जिस दिन हमारा मन भगवान की सच्ची भक्ति में लग जाएगा उसी दिन से हमें भगवान की उपस्थिति महसूस होने लगेगी। जिस भागवत कथा को हम सुनते हैं, हमें मालूम होना चाहिए भगवान भी इस कथा को सुनने के लिए मृत्युलोक आए थे।
श्रीमद् भागवत हमें सीधे श्री कृष्ण के दर्शन करवाती है। श्रीमद् भागवत एक ऐसा कल्पवृक्ष है जिससे हम जो भी मांगेंगे वह हमें अवश्य मिलेगा लेकिन उससे पहले हमें भगवान पर विश्वास करना होगा, उसके बाद देखना भगवान हमारे जीवन को इतना अनमोल बना देंगे कि हर व्यक्ति प्रभु से जिंदगी जीने के लिए और कई दिन मांगेगा।
मानव जीवन हमें बार-बार नहीं मिलता, इसका हमें दुरुपयोग नहीं अपितु सदुपयोग करना चाहिए। आज हमारे देश में गंगा मैया, यमुना मैया, गौ माता कुछ भी सुरक्षित नहीं है, क्यों? क्योंकि आज हम अपनी संस्कृति को भूलकर संसार की मोहमाया में लिप्त हो चुके हैं। जिस कार्य के लिए भगवान ने हमें यह मनुष्य योनि दी है उससे हम भटक चुके हैं।
इस दुनिया के हमारे सभी मित्र भोगी और लालची हैं तो हम ऐसे मित्रों को क्यों अपना बनाएं जो हमें धर्म से अधर्म की ओर ले जाएं, सभ्य रास्ते पर ले जाने की बजाय असभ्य रास्ते की ओर ले जाएं।