Edited By Jyoti,Updated: 27 Apr, 2021 06:11 PM
आज 27 अप्रैल का दिन बहुत ही खास है। हिंदू नव वर्ष की आज पहली चैत्र पूर्णिमा भी है और आज ही हनुमान जी का जन्मोत्सव भी है। आज ही के शुभ दिन पर शाम को हमें आकाश
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आज 27 अप्रैल का दिन बहुत ही खास है। हिंदू नव वर्ष की आज पहली चैत्र पूर्णिमा भी है और आज ही हनुमान जी का जन्मोत्सव भी है। आज ही के शुभ दिन पर शाम को हमें आकाश में एक आकर्षक नजारा भी देखने को मिलेगा जब हम इस साल का पहला सुपरमून देख पाएंगे। आज रात चंद्रमा अपने सामान्य आकार से थोड़ा बड़ा और चमकदार दिखाई देगा। ग्रहों का कंबीनेशन भी आज के दिन को और भी खास बना रहा है। इस समय सूर्य अपनी उच्च मेष राशि में गोचर कर रहे हैं। शनि अपनी ही मकर राशि में है जबकि देव गुरु बृहस्पति कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। बुध और शुक्र भी सूर्य के साथ मेष राशि में है। राहु वृषभ में और केतु वृश्चिक राशि में गोचर कर रहे हैं। आज मंगलवार का दिन भी है और मंगलवार के साथ हनुमान जी का भी गहरा संबंध है क्योंकि उनका जन्म भी मंगलवार को हुआ था। हनुमान जी के जन्म के समय उच्च के मंगल की उच्च के सूर्य पर दृष्टि थी और आज भी मंगलवार को सूर्य अपनी उच्च मेष राशि में है।
आज शाम करीब 7 बजकर 10 मिनट पर चंद्रमा पूर्व दिशा में उदित होगा । सामान्य पूर्णिमा की तुलना में आज चंद्रमा काफी अधिक चमकदार दिखेगा व साइज भी बड़ा होगा। वर्ष 2021 में दो सुपरमून का योग है जिनमें एक आज 27 अप्रैल को दिखाई देगा और दूसरा 26 मई को दिखेगा। आज के सुपरमून को पिंक मून का नाम भी दिया गया है। पिंक सुपर मून सिर्फ एक नाम है, इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है।
वास्तव में अमेरिका व कनाडा में बसंत ऋतु के आरंभ में खिलने वाले गुलाबी फूलों के आधार पर वैज्ञानिकों ने इसे पिंक मून का नाम दिया है और आज भी सुपर मून गुलाब की तरह दिखेगा । इस दौरान चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी साढ़े तीन लाख किलोमीटर से अधिक होगी। पश्चिमी देशों में इसे सुपर मून , स्टार मून और हंगर मून के नाम से भी जाना जाता है। इससे पहले 7 अप्रैल 2020 को सुपरमून दिखाई दिया था।
नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार लगभग 41 साल पहले 1979 में पहला सुपरमून दिखाई दिया था। पृथ्वी का चक्कर लगाने के दौरान एक समय ऐसा आता है जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है। पृथ्वी से ज्यादा नजदीक होने की वजह से चंद्रमा इस दौरान बहुत बड़ा और चमकीला दिखाई देता है। इसी अवस्था को सुपरमून कहते हैं।
हिंदू नव वर्ष की पहली चैत्र पूर्णिमा है इसलिए पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा का भी विधान है । रात के समय चंद्रमा की पूजा करने से चंद्रमा की शुभता प्राप्त होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है और कुंडली में चंद्रमा के शुभ फलों में वृद्धि होती है।
गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com