Edited By Lata,Updated: 12 Feb, 2019 09:36 AM
आज मंगलवार, 12 फरवरी को सप्तमी तिथि पड़ रही है। सप्तमी तिथि के स्वामी सूर्य हैं। इस तिथि में जन्मा बच्चा अच्छी धन, दौलत अर्जित करने वाला होता है।
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आज मंगलवार, 12 फरवरी को सप्तमी तिथि पड़ रही है। सप्तमी तिथि के स्वामी सूर्य हैं। इस तिथि में जन्मा बच्चा अच्छी धन, दौलत अर्जित करने वाला होता है। नेचर से वह कुछ संतोषी-यानी कि थोड़ा प्राप्त हो जाने पर ही संतुष्ट हो जाता है। दूसरों की बढ़त-चढ़त, तरक्की देख कर दुखी नहीं होता। उसकी संतान को-आपरेट तथा साथ देने वाली होती है। सूर्य देव की पूजा-अर्चना करना कल्याणकारी रहता है।
नक्षत्रः भरणी नक्षत्र के देवता यम तथा स्वामी शुक्र हैं। यह नक्षत्र स्त्री संज्ञक तथा रजस है। इस नक्षत्र में जन्मा बच्चा होटलिंग, इंजीनियरिंग, वकालत, सर्जरी, एग्रीकल्चर-होटलकल्चर से जुड़े प्रोफैशंस में इंट्रैस्ट रखने तथा सक्सैस पाने वाला होता है। वह डावांडोल तथा अस्थिर सोच-विचार वाला होता है। च पा, चमेली, चांदनी जैसे सफेद फूल देने वाले पौधे लगाना प्रशस्त रहता है।
योगः शुक्ल योग की स्वामी पार्वती हैं। इस योग में जन्मा बच्चा बड़ा होकर शिव परिवार की पूजा-अर्चना में इंट्रैस्ट रखने वाला, भगवान शंकर के साथ जुड़ते तीर्थ स्थलों की विजिट करने की चाहत रखने वाला होता है। इस करण में जन्मी कन्या बड़ी होकर यदि गौरी व मंगलागौरी जैसे व्रत रखे तो उसकी गृहस्थी बड़ी सुखी होती है।
करणः वणिज करण की स्वामी लक्ष्मी जी हैं। इस करण में जन्मा बच्चा धनी, बड़े कारोबार वाला तथा उसका पर्याप्त फैलाव-विस्तार करने वाला होता है। लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना करना, बड़े बुजुर्गों की सेवा देखभाल करने से घर परिवार में उपलब्ध सुख-साधनों की वृद्धि होती है। रैड, पिंक, गुलाब के पौधे लगाना कल्याणकारी रहता है।
वारः मंगलवार के देवता अधिदेवता कार्तिकेय हैं। मंगलवार उग्रवार कहलाता है। इस वार जन्मा बच्चा बहुत हिम्मती, उत्साही, जोशीला, पराक्रमी, शार्प बुद्धि-दिमाग वाला, लैंड्स एवं एग्रीकल्चर बद्ध काम से रोजी-रोटी का प्रबंध करने वाला होता है। मंगलवार के दिन सरकार दरबार के साथ जुड़ा कोई काम शुरू करने पर पाजिटिव रिस्पोंस मिलती है। हनुमान जी की पूजा-अर्चना करना कल्याणकारी रहता है।
शुभ पंचांग
तारीख: 12 फरवरी, 2019
वार: मंगलवार
अयन: उत्तरायण
विक्रमी सम्वत: 2075
विक्रमी माघ प्रविष्टे: 30
राष्ट्रीय शक सम्वत: 1940
शक माघ तारीख: 23
हिजरी साल: 1440
महीनाः जमादि उल्सानी, तारीख 6
पक्ष: माघ शुक्ल
तिथि: सप्तमी (बाद दोपहर 3.55 तक) तथा तदोपरांत तिथि अष्टमी।
नक्षत्र: भरणी (रात 10.11 तक) तथा तदोपरांत नक्षत्र कृतिका।
योग: शुक्ल (पूर्व दोपहर 11.28 तक) तथा तदोपरांत योग ब्रह्म।
करण: वणिज (बाद दोपहर 3.55 तक) तथा तदोपरांत करण विष्टि।
चंद्र राशि: मेष (12-13 मध्य रात 4.19 तक) तथा तदोपरांत चंद्र राशि वृष।
सूर्योदय/सूर्यास्त: प्रात: 7.16/सायं 6.07 (जालन्धर समय)
राहू काल: बाद दोपहर 03.00 से 04.30 बजे तक।
आज पैदा होने वाले बच्चों का नामाक्षर तथा भविष्यफलः
समय- प्रात: 9.43 से लेकर बाद दोपहर 3.56 तक
नामाक्षर- ले
यह बच्चा रिलीजियस ट्रैडिशंस को निभाने, किसी की ज्यादती को न भुलाने तथा यदि किसी दुश्मन के साथ कभी कोई पंगा पड़ जाए तो उसे उसकी औकात समझाने वाला होता है।
समय- बाद दोपहर 3.57 से लेकर रात 10.11 तक
नामाक्षर- लो
यह बच्चा इंजीनियरिंग से जुड़े प्रोफैशन, रिटेल कारोबार द्वारा अपनी आजीविका अर्जित करने वाला तथा नेचर से कुछ सैक्सी, चंचल तथा अपना उल्लू साधने में एक्सपर्ट होता है।
समय- रात 10.12 से लेकर 12-13 मध्य रात 4.19 तक
नामाक्षर- अ
यह बच्चा किसी की भी, वह अपना हो या बेगाना, गलत बात, ज्यादती टोलरेट न करने वाला, कुछ शार्ट टै पर्ड तथा इंटोलरैंट होता है। बड़ा हो जाने पर ब्लड प्रैशर जैसे रोग से पीड़ित रहता है।
समय- 12-13 मध्य रात 4.20 से लेकर अगले दिन (13 फरवरी) प्रात: सूर्योदय तक
नामाक्षर- इ
यह बच्चा फारेन कंट्री जाने के लिए कोई न कोई जुगाड़ चलाने में एक्सपर्ट, फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी का शौकीन, कैमिस्ट शाप (रिटेल हो या होलसेल की) चलाने में रुचि रखने वाला होता है।
सूर्योदय कालीन कुंडलीः
सूर्य मकर में
चंद्रमा मेष में
मंगल मेष में
बुध कुंभ में
गुरु वृश्चिक में
शुक्र धनु में
शनि धनु में
राहू कर्क में
केतु मकर में
दिशा शूल
उत्तर एवं वायव्य दिशा के लिए। इस दिशा की यात्रा न करनी ठीक रहेगी।
भद्रा काल
भद्रा बाद दोपहर 3.55 से लेकर 12-13 मध्य रात 3.52 तक।
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