Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Feb, 2019 07:08 AM
आज 28 फरवरी, बृहस्पतिवार दशमी तिथि है। इसके स्वामी यम हैं। इस तिथि में जन्मा बच्चा साफ्ट-कूल नेचर वाला, बहुत टोलरैंट, धर्म परायणी, दूसरों के दुख-दर्द को समझने, धर्म-अधर्म, पाप-पुण्य के अंतर तथा भेद को
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आज 28 फरवरी, बृहस्पतिवार दशमी तिथि है। इसके स्वामी यम हैं। इस तिथि में जन्मा बच्चा साफ्ट-कूल नेचर वाला, बहुत टोलरैंट, धर्म परायणी, दूसरों के दुख-दर्द को समझने, धर्म-अधर्म, पाप-पुण्य के अंतर तथा भेद को समझने वाला होता है। पीपल, वट जैसे वृक्षों के पौधे लगाना तथा उनकी केयर करना कल्याणकारी रहता है।
नक्षत्र
मूला नक्षत्र के स्वामी केतु हैं। यह नक्षत्र तामसी तथा गंड मूल कारक है। जन्म के 27वें दिन के करीब जब यह नक्षत्र पुन: आए तो उस दिन उसकी पूजा शांति करा लेने का विधान है। वैसे मूला नक्षत्र के प्रथम चरण में बच्चे का जन्म हो तो पिता, दूसरे में हो तो माता, तीसरे में हो तो घर-परिवार के लिए अरिष्टकारी होता है। वैसे इस नक्षत्र में जन्मा बच्चा बड़ी लिबरल सोच वाला, मिलनसार, ईमानदार होता है।
योग
वज्र योग का स्वामी वरुण तथा सिद्धि योग का स्वामी गणेश है। सिद्धि योग में जन्मा बच्चा इंटैलीजैंट, वैल एजुकेटिड, टीचिंग, कोचिंग, टैक्सट बुक्स की राइटिंग, पब्लिकेशन के साथ जुड़े प्रोफैशंस में इंट्रैस्ट रखने वाला होता है। गणेश जी की पूजा-अर्चना करना तथा उन्हें लड्डुओं का भोग लगाना सर्वोत्तम है।
करण
वणिज करण की स्वामी लक्ष्मी जी हैं। इस करण में जन्मा बच्चा सैल्फ इम्पलायड यानि कि अपना स्वयं का कारोबार करने वाला—चाहे वह काम ट्रेड का हो या इंडस्ट्री का होता है। वह अपने काम का अच्छा फैलाव करने तथा उससे पर्याप्त धन-दौलत, धन सम्पदा पैदा करने वाला होता है।
वार
बृहस्पतिवार के देवता अधिदेवता ब्रह्मा हैं। इस वार जन्मा बच्चा बहुत बुद्धिमान, समझदार, विवेकशील, इंटैलीजैंट होता है। वह धर्म-परायणी, धार्मिक रीति-रिवाजों, परम्पराओं को मानने तथा उन्हें निभाने वाला, टीचिंग, कोचिंग, कंसल्टैंसी, मैडीकल कंसल्टैंसी जैसे प्रोफैशंस में इंट्रैस्ट रखने वाला तथा बड़ा व्यापारी-कारोबारी होता है। बृहस्पति की पूजा-अर्चना करना, पीपल-तुलसी के पौधों को लगाना तथा उनकी केयर करना प्रशस्त रहता है।
स्पैशल दिवस
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, डा. राजेन्द्र प्रसाद की पुण्यतिथि और स्वामी दयानंद की जयंती।
गंड मूल काल
28 फरवरी-1 मार्च मध्य रात 3.06 तक जन्मे बच्चे को मूला नक्षत्र की पूजा लगेगी।
सूर्योदय कालीन कुंडली
सूर्य कुंभ में
चंद्रमा धनु में
मंगल मेष में
बुध मीन में
गुरु वृश्चिक में
शुक्र मकर में
शनि धनु में
राहू कर्क में
केतु मकर में
दिशा शूल
दक्षिण एवं आग्नेय दिशा के लिए।
भद्रा काल
रात 7.41 से भद्रा शुरू होगी।
शुभ पंचांग
तारीख : 28 फरवरी, 2019
वार : बृहस्पतिवार
अयन : उत्तरायण
विक्रमी सम्वत्: 2075
विक्रमी फाल्गुन प्रविष्टे : 16
राष्ट्रीय शक सम्वत् : 1940
शक फाल्गुन तारीख : 9
हिजरी साल : 1440
महीना : जमादि उल्सानी, तारीख 22
पक्ष : फाल्गुन कृष्ण
तिथि : दशमी (पूरा दिन-रात)।
नक्षत्र : मूला (28 फरवरी-1 मार्च मध्य रात 3.06 तक) तथा तदोपरांत नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा।
योग : वज्र (प्रात: 10.14 तक) तथा तदोपरांत योग सिद्धि।
करण: वणिज (रात 7.41 तक) तथा तदोपरांत करण विष्टि।
चंद्र राशि : धनु (पूरा दिन-रात)।
सूर्योदय/सूर्यास्त: प्रात: 7.00/सायं 6.20 (जालन्धर समय)।
राहू काल : दोपहर 01.30 से 03.00 बजे तक।
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आज पैदा होने वाले बच्चों का नामाक्षर तथा भविष्यफल
समय- प्रात: 7.22 से लेकर दोपहर 01.56 तक
नामाक्षर- यो
यह बच्चा बैंकिंग, इंश्योरैंस, कानून, वकालत, मैनेजमैंट, इलैक्ट्रॉनिक्स से सम्बद्ध प्रोफैशंस में, जनरल तथा प्रोविजन स्टोर (रिटेल-होलसेल), सैनिटरी के सामान की मार्कीटिंग, डिस्ट्रीब्यूशन जैसे काम-धंधा में अच्छी सक्सैस पा सकता है।
समय- दोपहर 1.57 से लेकर रात 8.31 तक
नामाक्षर- भ
इस नामाक्षर वाले बच्चे की रुचि ज्यूडिशयरी, ला-एंड आर्डर इंफोर्सिंग मशीनरी, आर्मी, पुलिस, पैरा मिलिट्री फोर्सिस, मैनेजमैंट, मैडीकल, सर्जरी से जुड़े प्रोफैशंस में हो सकती है।
समय - रात 8.32 से लेकर 28 फरवरी-1 मार्च मध्य रात 3.06 तक
नामाक्षर- भी
यह बच्चा कामर्स, इकनॉमिक्स, बैंकिंग, अकाऊंट्स, मैडीसन, मैडीकल टूरिज़्म के साथ जुड़े प्रोफैशंस को पसंद करने वाला हो सकता है। एस्ट्रॉलोजी, एस्ट्रानोमी जैसे विषयों में भी इंट्रैस्ट रख सकता है।
समय - 26 फरवरी-1 मार्च मध्य रात 3.07 से लेकर अगले दिन (1 मार्च) प्रात: सूर्योदय तक
नामाक्षर- भू
यह बच्चा टीचिंग,कोचिंग, ट्यूशनिंग, ज्यूडिशयरी, वकालत,लॉ कंसल्टैंसी जैसे प्रोफैशंस में इंट्रैस्ट रखने वाला हो सकता है। टूरिज़्म, मैडीकल टूरिज़्म के कामों को भी वह पसंद कर सकता है।
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