Edited By Jyoti,Updated: 20 Aug, 2019 05:13 PM
आजकल लोग घर आदि का निर्माण करने की बजाए बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स के फ्लैट लेना पसंद करते हैं।
ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
आजकल लोग घर आदि का निर्माण करने की बजाए बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स के फ्लैट लेना पसंद करते हैं। उनका मानना होता है कि एक तो ऐसा करने से उनका टाइम बचता है दूसरा मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स के बड़े-बड़े फ्लैट में रहने से सोसाईटी में उनका रूतबा बढ़ता है। बताया जाता है इन मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स के निर्माण में बालकनी, किचन, और वॉशरूम का फ्लोक ज्यादातर स्थितियों में घर के फ्लोक से कुछ इंच नीचा रखा जाता है। यह निचाई 3 से 4 फीट तक की होती है। ऐसे करने के पीछे कारण होता है कि इन जगहों का पानी बहकर पूरे घर में न फैल सके।
कहा जाता है घर के बाकि हिस्सों के साथ-साथ ये 3 जगहें भी ऐसी होती है जिस हर कोई खूब सजा कर रखना चाहता है। जिसमें बालकानी बहुत से लोगों की फेवरेट जगह होती है। लगभग लोग अपने घर की बालकानी को खूबसूरत फूलों से सजा कर रखते हैं। आजकल बालकनी में स्पेस के आधार पर फ्लॉवर बेड बनाने का ट्रेंड बहुत देखने में आ रहा है। कहा जाता है कि जिस किसी के घर में भी ये फ्लॉवर बेड बना होती है उसके लिए इससे संबंधित कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार इसे घर में रखने से वहां रहने वाले सदस्यों को कई तरह के फायदे हो सकती हैं। लेकिन ठहरिए कहीं आप इससे अभी तक अंजान है कि आख़िर ये है क्या। तो चलिए पहले आहम आपको बताते हैं आख़िर ये फ्लॉवन बेड है क्या। फिर जानेंगे कि इसे घर में रखने के कुछ खास नियम।
क्या है फ्लॉवर बेड
बाहर की तरफ़ निकली बालकनी में खिड़की के बाहर गमले की तरह लगभग खिड़की की चौड़ाई के ही बराबर क्यारीनुमा स्थान बने होते हैं, जिनमें मिट्टी भरकर छोटे-छोटे फूलों वाले पौधे लगाए जाते हैं। जिन्हें फ्लॉवर बेड कहा जाता है।
गहराई
बताया जाता है कि फ्लॉवर बेड की गहराई आमतौर पर डेढ़ से दो फीट तक की होती है। कहा जाता है ये गहराई बिल्डिंग और पौधे दोनों के लिए मुफ़ीद मानी जाती है।
फ्लॉवर बेड के आस-पास न लगाएं ग्रिल
कुछ लोग फ्लॉवर बेड के आस-पास ग्रिल लगाकर व गड्ढे को भरकर इसे कमरे का हिस्सा बना लेते हैं। जो वास्तु शास्त्र के अनुसार अच्छा नहीं माना जाता। कहते हैं इससे घर की दिशा बिगड़ती है और वास्तु दोष उत्पन्न होता है। इसके अलावा कुछ इसके ऊपर ग्रिल लगाकर उसका इस्तेमाल कपड़े सुखाने के लिए करने लगते हैं। जो हानिकारक साबित हो सकता है। कुछ लोगों का मानना होता है कि इसमें मिट्टी नहीं भरी है केवल जाली लगी है। इसलिए यह दिशा का विस्तार नहीं करती जबकि ऐसा नहीं होता है। जाली लगने के साथ ही वह घर की दिशा का विस्तार रूप बन जाता है।
ऐसा फ्लॉवर हो सकता है नुकसानदायक
फ्लॉवर बेड में पौधे नलगाने हो तो अगर इसमें मिट्टी न भी भरी जाए तो कोई इसका कोई अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता। मगर इस बात का ध्यान रखें कि फिर इस पर जाली भी न लगाएं। कहा जाता है बिना मिट्टी भरा फ्लॉवर बेड का घर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।