Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Feb, 2019 10:35 AM
आज 12 फरवरी, मंगलवार को माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। इस दिन को रथ सप्तमी, आरोग्य सप्तमी, अचला सप्तमी, भानु सप्तमी और व्रत पुत्र सप्तमी के रुप में मनाया जाता है।
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आज 12 फरवरी, मंगलवार को माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। इस दिन को रथ सप्तमी, आरोग्य सप्तमी, अचला सप्तमी, भानु सप्तमी और व्रत पुत्र सप्तमी के रुप में मनाया जाता है। महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण ने इस व्रत के बारे में युधिष्ठिर को बताया था। इस दिन के बारे में ये भी कहा जाता है कि सूर्य देव ने इसी दिन पृथ्वी को अपनी दिव्य किरणों से प्रकाश दिया था। इस एक व्रत के प्रभाव से संपूर्ण माघ मास के स्नान का फल प्राप्त होता है। एक समय अन्न का भोजन अथवा फलाहार करके ये व्रत किया जाता है। नमक नहीं खाया जाता। ये भी कहा जाता है की अचला सप्तमी व्रत करने वाले व्यक्ति को साल भर के रविवार व्रत करने का पुण्य मिलता है। इस दिन का श्रद्धा और भक्ति से महत्व बताने वाले व्यक्ति को उत्तम लोक प्राप्त होते हैं। समृद्धि, रुप और संतान सुख की इच्छा रखने वाले हर व्यक्ति को ये व्रत रखना चाहिए। अगर व्रत रखना संभव न हो तो अवश्य करें ये काम-
सुबह भगवान सूर्य नारायण को अर्घ्य दें।
किसी पवित्र तीर्थ पर स्नान आदि करके सूर्य देव को दीपदान करने वाला व्यक्ति मनवांछित फल पाता है।
सूर्य मंत्रों का जाप करें- ॐ घृणि सूर्याय नम: तथा ॐ सूर्याय नम:
सुबह और शाम आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें।
जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा दें।
भगवान सूर्य की तरफ अपना मुख करके स्तुति करने वाले व्यक्ति के चर्म रोग हमेशा के लिए नष्ट हो जाते हैं। श्रीकृष्ण के बेटे सांब ने भी सूर्य भगवान को प्रसन्न करके कुष्ठ रोग से मुक्ति पाई थी।
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