Edited By ,Updated: 30 Oct, 2016 09:41 AM
अर्थशास्त्र अौर राजनीति के पितामाह आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन से प्राप्त अनुभवों का उल्लेख ‘चाणक्य नीति’ में किया। चाणक्य नीति 17 अध्यायों का ग्रंथ
अर्थशास्त्र अौर राजनीति के पितामाह आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन से प्राप्त अनुभवों का उल्लेख ‘चाणक्य नीति’ में किया। चाणक्य नीति 17 अध्यायों का ग्रंथ हैं। चाणक्य ने अपने ज्ञान अौर अनुभवों को स्वयं तक न रखकर चाणक्य नीति में लिखकर अपने आने वाली पीढ़ियों को दिया। उनकी नीतियों पर अमल करके व्यक्ति जीवन का परेशनियों से छुटकारा पा सकता है। चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति बुरी लतों का शिकार हो जाता है उसे जीवन में कभी सफलता नहीं मिलती।
न व्यसनपरस्य कार्यावाप्ति:।
भावार्थ: समाज में जो व्यक्ति बुरी लतों के शिकार होते हैं वे कभी अपने जीवन में सफलता प्राप्त नहीं कर सकते क्योंकि उनका उत्साह, लगन और आत्मविश्वास समाप्त हो जाता है।