Edited By Lata,Updated: 16 Feb, 2020 02:50 PM
आचार्य चाणक्य एक ऐसे महान विद्वान थे जिन्हें किसी भी तरह के परिचय की आवश्यकता नहीं है।
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आचार्य चाणक्य एक ऐसे महान विद्वान थे जिन्हें किसी भी तरह के परिचय की आवश्यकता नहीं है। दुनिया भर में इनको इनके ज्ञान के दम पर जाना जाता है। जाना जाए भी क्यों न आख़िर इन्होंने केवल अपने ज्ञान के दम पर मौर्य वंश की स्थापना करवाने में एक अहम योगदान निभाया था। प्राचीन समय में लिखित इनकी नीतियां आज भी अगर कोई अपनाता है तो उसका असफल होना मुश्किल ही नही नामुमकिन लगता है। बल्कि कहते हैं इनकी नीतियां इतनी शक्तिशाली मानी जाती हैं कि दुश्मन भी इन्हें भांप नहीं पाते। यही कारण है कि आज भी लोग इनकी इन नीतियां को फॉलो करना पसंद करते हैं।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं, कि उन्होंने किस तरह के लोगों से दूरी बनाकर रखने के लिए कहा है। आचार्य का कहना है कि मूर्ख व्यक्ति से कोी भी बात करना सही नहीं समझता है और न ही ऐसे लोगों से बातचीत करके अपना समय बर्बाद करना चाहिए।
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श्लोक
नास्त्यधमित: सखा।
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भावार्थ : मित्रता के लिए जिस ईमानदारी और पारस्परिक स्नेहभाव की जरूरत होती है वह मूर्ख व्यक्ति के पास नहीं होता इसलिए मूर्ख व्यक्ति का कोई सच्चा मित्र नहीं होता।