Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 Jul, 2020 07:56 AM
इस वर्ष चातुर्मास चार माह की बजाय पांच माह का होगा। सामान्यतः एक सूर्य वर्ष की अवधि 365 दिन और लगभग 6 घंटे होती है, वहीं चन्द्र वर्ष में 354 दिन होते हैं, दोनों के बीच में 11 दिनों का अंतर होता है,
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Adhik Maas 2020: इस वर्ष चातुर्मास चार माह की बजाय पांच माह का होगा। सामान्यतः एक सूर्य वर्ष की अवधि 365 दिन और लगभग 6 घंटे होती है, वहीं चन्द्र वर्ष में 354 दिन होते हैं, दोनों के बीच में 11 दिनों का अंतर होता है, जो हर तीन वर्षों में लगभग एक महीने के बराबर हो जाता है। इसी अंतर को दूर करने के लिए हर तीन वर्ष के बाद चन्द्र मास में एक महीना बढ़ जाता है, इसी को अधिक मास बोला जाता है। जिस कारण श्राद्ध पक्ष के बाद आने वाले सभी त्योहार 20 से 25 दिन की देरी से मनाये जाते हैं। आमतौर पर श्राद्ध खत्म होते ही अगले दिन से नवरात्री शुरू हो जाती है परन्तु इस वर्ष 17 सितम्बर को श्राद्ध खत्म होंगे, उसके अगले दिन से अधिकमास शुरू हो जाएगा जो 16 अक्टूबर तक चलेगा, 17 अक्टूबर से नवरात्रि मनाई जाएगी।
इस वर्ष लीप ईयर और अधिकमास एक साथ आया है, ऐसा योग 160 वर्ष बाद आया है। इससे पहले लीप ईयर और अधिकमास एक साथ वर्ष 1860 में आया था।
चातुर्मास में संत जन एक ही स्थान में बैठकर ध्यान और तप करते हैं। इन महीनों में सभी व्यक्तियों को लम्बी यात्रा से बचना चाहिए, क्योंकि ये वर्षा ऋतु का समय होता है। नदी, तालाब अपने उफ़ान में होते है और कई छोटे-छोटे कीट उत्पन्न होते है, जो किसी को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
वर्तमान समय में कोरोना वायरस ने विश्वभर में अपना आतंक फ़ैला रहा है, ऐसे में वर्षा ऋतु में विशेष सावधानी बरतने की जरुरत है।
चातुर्मास में शुद्ध सात्विक भोजन करना चाहिए, निरंतर महामंत्र हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे का जाप करना चाहिए। भगवान विष्णु और भगवान शिव की आराधना करें, किसी की निंदा न करें। इन सब नियमों के पालन से न सिर्फ मनुष्य निरोगी रहेगा, अपितु उसके सभी प्रकार के पापों का नाश होगा और अंत में वो बैकुंठ धाम को प्राप्त होगा।
आचार्य लोकेश धमीजा
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