Edited By ,Updated: 16 Nov, 2016 08:46 AM
कल से यानि 15 नवंबर, मंगलवार से अगहन मास अथवा मार्गशीर्ष का महीना आरंभ हो गया है। शास्त्रों के अनुसार यह माह भगवान श्री कृष्णचन्द्र को समर्पित है। श्रीमद्भागवत में भगवान स्वयं
कल से यानि 15 नवंबर, मंगलवार से अगहन मास अथवा मार्गशीर्ष का महीना आरंभ हो गया है। जो 13 दिसंबर तक चलेगा। शास्त्रों के अनुसार यह माह भगवान श्री कृष्णचन्द्र को समर्पित है। श्रीमद्भागवत में भगवान स्वयं अपने मुखारविंद से कहते हैं की मार्गशीर्ष माह उनका ही स्वरूप है। ज्योतिष शास्त्रियों का मानना है की यदि कोई जातक एक माह तक प्रतिदिन भगवान के बाल रूप (लड्डू गोपाल) को राशि अनुसार भोग लगाएंगे तो हर इच्छा पूरी हो सकती है और दुनिया में सितारे की तरह चमकेगा नाम। यदि आपके घर में लड्डू गोपाल नहीं हैं तो भगवान के अन्य स्वरूप को भी भोग लगा सकते हैं। घर अथवा मंदिर कहीं पर भी भोग अर्पित किया जा सकता है। अवश्यकता है तो केवल श्रद्धा भाव और प्रेम की। तभी तो भगवान भक्तों द्वारा दिए गए जूठे बेर और केले के छिलके भी प्रेम सहित ग्रहण कर लेते हैं।
मेष- बेसन अथवा बुंदी के लड्डू और अनार।
वृषभ- रसगुल्ले
मिथुन- काजू की मिठाई
कर्क- मावे की बर्फी और नारियल।
सिंह- गुड़ और बेल।
कन्या- तुलसा पत्ता और नाशपाती या हरे रंग का कोई भी फल।
तुला- सेब
वृश्चिक- गुड़ की रेवड़ी
धनु- बेसन की चक्की अथवा बेसन से बनी कोई भी मिठाई।
मकर- गुलाब जामुन और काले अंगूर।
कुंभ- चॉकलेटी रंग की बर्फी और चीकू।
मीन- जलेबी और केले।