Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Nov, 2017 09:42 AM
एक दिन बीरबल दरबार में देर से पहुंचे। बादशाह ने देरी का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि मेरे बच्चे आज जोर-जोर से रोकर कहने लगे कि ‘‘मैं आज दरबार में न जाऊं। किसी तरह उन्हें बहुत मुश्किल से समझा पाया कि मेरा दरबार में हाजिर होना कितना जरूरी है।
एक दिन बीरबल दरबार में देर से पहुंचे। बादशाह ने देरी का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि मेरे बच्चे आज जोर-जोर से रोकर कहने लगे कि ‘‘मैं आज दरबार में न जाऊं। किसी तरह उन्हें बहुत मुश्किल से समझा पाया कि मेरा दरबार में हाजिर होना कितना जरूरी है। इसी में मुझे काफी समय लग गया।’’
बादशाह बोले, ‘‘मैं तुमसे सहमत नहीं हूं। किसी भी बच्चे को समझाना इतना मुश्किल नहीं, जितना तुमने बताया।’’
बीरबल हंसते हुए बोले, ‘‘हुजूर! बच्चे को गुस्सा करना या डांटना तो बहुत सरल है, लेकिन किसी बात को विस्तार से समझा पाना बेहद कठिन।’’
बादशाह अकबर बोले, ‘‘मूर्खों जैसी बात मत करो।’’
बीरबल बोले, ‘‘मैं खुद ही बच्चा बन जाता हूं और वैसा ही व्यवहार करता हूं। मुझे संतुष्ट करके दिखाएं।’’
फिर बीरबल ने छोटे बच्चे की तरह बर्ताव करना शुरू कर दिया और किसी छोटे बच्चे की तरह दरबार में यहां-वहां उछलते-कूदते हुए जाकर बादशाह की गोद में बैठ गए और लगे उनकी मूंछों से छेड़छाड़ करने। बादशाह कहते ही रह गए, ‘‘नहीं, नहीं मेरे बच्चे! ऐसा मत करो। तुम तो अच्छे बच्चे हो न।’’
सुनकर बीरबल ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया। अब बादशाह परेशान हो गए, लेकिन उन्होंने धैर्य बनाए रखा।
वह बोले, ‘‘बेटा! खिलौनों से खेलोगे?’’ बीरबल रोते हुए बोले, ‘‘नहीं, मैं तो गन्ना ही खाऊंगा।’’
बादशाह ने गन्ना लाने का आदेश दिया लेकिन बीरबल का रोना नहीं थमा। वह बोले, ‘‘मुझे बड़ा गन्ना नहीं, छोटे-छोटे टुकड़े में कटा गन्ना चाहिए।’’
बादशाह ने एक सैनिक को इसका आदेश दिया, यह देखकर बीरबल और जोर से रोते हुए बोले, ‘‘नहीं, सैनिक गन्ना नहीं काटेगा। आप खुद इसे काटें।’’
अब बादशाह का मिजाज बिगड़ गया, लेकिन गन्ने के टुकड़े करने के बाद उन्हें बीरबल के सामने रखते हुए बोले, ‘‘लो इसे खा लो बेटा।’’
अब बीरबल ने बच्चे की भांति मचलते हुए कहा, ‘‘नहीं मैं तो पूरा गन्ना ही खाऊंगा। मुझे तो इन छोटे टुकड़ों से ही साबुत गन्ना बनाकर दो।’’
बादशाह का धैर्य जवाब दे गया। बोले, ‘‘यदि तुमने रोना बंद नहीं किया तो अब तुम्हें मार पड़ेगी।’’
अब बच्चे का अभिनय करते बीरबल उठ खड़े हुए और हंसते हुए बोले, ‘‘नहीं, नहीं! मुझे मत मारें हुजूर। अब आपको पता चला कि बच्चे की बेतुकी जिदों को शांत करना कितना मुश्किल काम है?’’