आमलकी एकादशी: इस मुहूर्त में करें विधि-वत पूजन, पारिवारिक समृद्धि में होगी बढ़ौतरी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Feb, 2018 08:28 AM

amalaki ekadashi fast and festival on 26 february 2018

कल सोमवार दि॰ 26.02.18 को फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि, आर्द्र व पुनर्वसु नक्षत्र, विष्टि व बव करण व आयुष्मान योग है। इस दिन आमलकी एकादशी का पर्व मनाया जाएगा। यह एकादशी विष्णु के परशुराम स्वरूप को समर्पित है।

कल सोमवार दि॰ 26.02.18 को फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि, आर्द्र व पुनर्वसु नक्षत्र, विष्टि व बव करण व आयुष्मान योग है। इस दिन आमलकी एकादशी का पर्व मनाया जाएगा। यह एकादशी विष्णु के परशुराम स्वरूप को समर्पित है। कहते हैं आमलकी आंवले में विष्णु व लक्ष्मी का वास होता है। इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे श्रीहरि की पूजा की जाती है। शास्त्र हेमाद्रि व स्मृति-कौस्तुभ में आंवले के पेड़ के नीचे दामोदर-राधा की पूजा का वर्णन है। ब्रह्माण्ड पुराण में मान्-धाता व वशिष्ठ संवाद के अंतर्गत आमलकी एकादशी के माहात्म्य के वर्णन अनुसार पौराणिक काल में वैदिश नगर में आमलकी एकादशी की संध्या पर एक शिकारी भूखा प्यासा शिकार की तलाश में वहां आ पहुंचा। उसने विष्णु मंदिर में हरि कीर्तन कर रात्रि जागरण करते हुए लोगों को देखा, इस पर शिकारी वहीं रुक गया तथा उसने भी भोजन किए बिना रात्रि जागरण किया। अगले दिन शिकारी जब घर वापस आया तो उसने शाकाहारी भोजन किया। कालांतर में शिकारी की मृत्यु हुई आमलकी एकादशी के व्रत के प्रभाव से उसने दूसरे जन्म में जयंती नगर के राजकुमार वसुरथ के रूप में जन्म लिया। वसुरथ एक दिन जंगल में मार्ग भटककर वहीं सो गया तथा उसपर पर्वतों मे रहने वाले मलेच्छ यवनो ने प्राण घातक वार किए। श्रीहरि की आज्ञा से वसुरथ की रक्षा देवी एकादशी ने की तथा यवनों का वध किया। आकाशवाणी से श्रीहरि ने वसुरथ को तत्व ज्ञान भी दिया। आमलकी एकादशी के विशेष पूजन व्रत व उपाय से संकटों का नाश होता है, पारिवारिक समृद्धि आती है व अमंगल का नाश होता है। 


विशेष पूजन विधि: घर के ईशान कोण में पीला वस्त्र बिछाकर परशुराम या विष्णु का चित्र स्थापित करके विधिवत दशोपचार पूजन करें। गौघृत का 11 बत्ती वाल दीप करें, चंदन से धूप करें, सफेद फूल चढ़ाएं, चंदन से तिलक करें, तुलसीपत्र, ऋतुफल चढ़ाएं व साबुदाना खीर का भोग तथा किसी माला से इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें। पूजन के बाद खीर सफेद गाय को खिला दें।


पूजन मुहूर्त: शाम 19:30 से रात 20:30 तक। 


पूजन मंत्र: ॐ रां रां परशुहस्ताय नम:॥


उपाय
संकटों के नाश हेतु परशुराम जी पर चढ़े 6 आंवले जलप्रवाह करें। 


पारिवारिक समृद्धि हेतु सफेद कपड़े में बंधे 11 आंवले विष्णु मंदिर में चढ़ाएं।


अमंगल के नाश हेतु नारायण पर चढ़े आंवले, काले तिल व नीबू चौराहे पर रख दें।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 

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