Edited By Niyati Bhandari,Updated: 27 Apr, 2019 12:08 PM
मनुष्य जब भी अनन्य भाव से अपने प्रभु प्यारे को पुकारता है तो वह तुरंत दौड़ कर अपने भक्त की योग क्षेम संभालते हैं। मनुष्य का काम है पुकारना।
विपत्ति आए तो उसके सामने दृढ़तापूर्वक खड़े हो जाएं।
ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
मनुष्य जब भी अनन्य भाव से अपने प्रभु प्यारे को पुकारता है तो वह तुरंत दौड़ कर अपने भक्त की योग क्षेम संभालते हैं। मनुष्य का काम है पुकारना।
विपत्ति आए तो उसके सामने दृढ़तापूर्वक खड़े हो जाएं। यदि घुटने टेक दोगे तो वह तुम्हें दबोच लेगी। विपत्ति आंधी की तरह होती है।
सुख-दुख तो जीवन में आते रहते हैं। भटकने की जरूरत नहीं है। प्रभु का सिमरन करें और मन में विश्वास रखें। विश्वास ही प्रभु तक पहुंचने की सीढ़ी है।
अगर कोई आपको नीचा दिखाना चाहता है तो इसका मतलब यह है कि आप उससे ऊपर हैं।
जब हम कुछ गलत करते हैं तो दाएं-बाएं, आगे-पीछे देख लेते हैं, बस ऊपर देखना भूल जाते हैं।
जरूरी नहीं कि हर समय होंठों पर खुदा का नाम आए। वह लम्हा भी इबादत का होता है जब इंसान किसी के काम आए।
दुनिया बिल्कुल वैसी है जैसी आप इसे देखना पसंद करते हैं। चाहे तो कीचड़ में कमल देख लो या चांद पर दाग।
दोस्ती करने में धीमे रहिए पर जब कर लीजिए तो उसे मजबूती से निभाइए और उस पर स्थिर रहिए।
भगवान पर भरोसा करना हमें परिंदों से सीखना चाहिए क्योंकि जब वे शाम को वापस अपने घोंसलों में जाते हैं तो उनकी चोंच में कल के लिए कोई दाना नहीं होता।
अपने माता-पिता के कड़वे वचनों में अपने स्वर्णिम भविष्य के लिए रक्षा कवच की छांव देखो।
हर सुंदर रास्ता मीठे सरोवर तक नहीं जाता। कहीं कोई खाई भी होती है जो आंखों से ओझल रहती है।
पति-पत्नी आपस में प्यार से रहें कभी कोई गलतफहमी हो जाए तो आपस में बैठ कर सुलझा लें। एक-दूसरे का सम्मान करें और समझौता कर लें। अपने घर को मंदिर बनाएं।
माता-पिता की सेवा करने से मनुष्य का गौरव बढ़ता है। बुद्धि एवं आयु में वृद्धि होती है और घर में बरकत बनी रहती है इनसे बढ़ कर संसार में हमारा कोई हमदर्द नहीं है।
किसी दोस्त से यदि उधार मांगने के लिए जाना पड़े तो जाने से पहले यह सोच-विचार जरूर कर लें कि मुझे दोनों में से ज्यादा किस की जरूरत है।