Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Jul, 2020 09:59 AM
तालाब में खूब मछलियां थीं। मछुआरे के कांटे में कोई नहीं फंस रही थी। वहां खड़े आदमी ने कहा संत आए थे वह मछलियों को कह गए हैं। मौन रहना (चुप) कांटे
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तालाब में खूब मछलियां थीं। मछुआरे के कांटे में कोई नहीं फंस रही थी। वहां खड़े आदमी ने कहा संत आए थे वह मछलियों को कह गए हैं। मौन रहना (चुप) कांटे में नहीं फंसोगी इसलिए तुम्हारे हाथ कोई मछली नहीं आ रही। इसीलिए कहते हैं मौन रहो सुखी हो जाओगे। -पं. प्रदीप मिश्रा
सच्चे गुरु की सेवा करते हए स्थायी शांति प्राप्त होगी, जन्म और मृत्यु के कष्ट मिट जायेंगे -गुरु गोबिंद सिंह जी
जो लोग भगवान के नाम पर ध्यान करते हैं, वे सभी शांति और सुख प्राप्त करते हैं -गुरु गोबिंद सिंह जी
इस दुनिया में जब तुम खुशियां मांगते हो दर्द सामने आ जाता है -श्री गुरु नानक देव जी
सत्य को जानना हर एक चीज से बड़ा है. उससे भी बड़ा है सच्चाई से जीना -श्री गुरु नानक देव जी
कोई भी ईश्वर की सीमाओं और हदों को नहीं जान पाया है -श्री गुरु नानक देव जी
गुरु के भजन गाते हुए, मैं, गवैया भगवान की महिमा फैलाता गया। नानक सतनाम का गुणगान करते हुए मैंने सिद्ध ईश्वर को प्राप्त किया -श्री गुरु नानक देव जी
ओछी बुद्धि से, चित्त ओछा हो जाता है और व्यक्ति मिठाई के साथ मक्खी भी खाता है। - श्री गुरु नानक देव जी
गर्दन अकड़ा कर न चलें। उस मालिक से डरें। वह सबसे बड़ी सुप्रीम पावर है। उसके आगे किसी की नहीं चलती। किसी की ताकत काम नहीं करती। हमेशा सबसे विनम्रता से पेश आएं। किसी से वैर-विरोध मत करें। उस मालिक की रजा में रहें। सुखी रहेंगे। -दर्शना भल्ला
प्रतिष्ठा एवं गौरव प्राप्त करने का उद्देश्य अपने समक्ष रखें। बुद्धिमतापूर्वक जीवन का कार्य कर्म, पेशा, कार्य क्षेत्र का चुनाव करें। जो कार्य जीवन भर करना है, रचनात्मक दृष्टि से विचार करें। उसमें आनंद लें। अपने कार्य में रस लीजिए और उसे दिलचस्प बनाइए।