Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Apr, 2018 02:50 PM
अपने जीवन साथी का प्रेम शीतलता, मधुरता है। इसकी छांव में सारे सुख और आनंद बसते हैं। अपने गृहस्थ जीवन को प्रेम के रंगों से सराबोर कर लें। आपके परिवार में खुशहाली आ जाएगी।
अपने जीवन साथी का प्रेम शीतलता, मधुरता है। इसकी छांव में सारे सुख और आनंद बसते हैं। अपने गृहस्थ जीवन को प्रेम के रंगों से सराबोर कर लें। आपके परिवार में खुशहाली आ जाएगी।
गरीब लाचार का हाथ थामना, उसे दिलासा देना, उसके घाव को मरहम लगाना ऐसे काम करोगे तो आप संत बन जाएंगे। मदर टैरेसा ऐसे कार्य कर महान बन गई। —राबर्ट क्लीमैंट्स
सत्संग में आकर अवगुण अपने आप मिट जाते हैं। विचार अच्छे आने लगते हैं। दृष्टि बदलो सारे नजारे बदल जाएंगे। —पं. राजकुमार शर्मा
दुख आपको नहीं सता रहा-दुख को तो आपने स्वयं पाल रखा है। बिना कारण कई बार आप दुखी हो जाते हैं। —साक्षी राम कृपाल
जो घर की बहुओं को दुखी रखते हैं उनकी अपनी बेटियां भी दुखी ही रहती हैं। वे सुखी नहीं रहतीं।
कई पति-पत्नी लड़ाई-झगड़े में ही अपना जीवन गुजार देते हैं। संसार में आए हो तो खुश रहना सीखो। ये जोडियां बड़े नसीब वालों की बनती हैं। —दर्शना भल्ला
कठिनाइयों और हानियों को सहन करने के पश्चात मनुष्य विनीत और बुद्धिमान हो जाता है। —अमरनाथ भल्ला, लुधियाना
दाना जब अपने आप को मिटा कर खाक में मिल जाता है तो वह एक दिन विशाल वृक्ष बन जाता है। अपनी ‘मैं’ को मिटाना पड़ता है। —त्रयम्बकेश्वर चैतन्य
बिना संतों की कृपा के तुम्हें आत्म बोध हो ही नहीं सकता और संत के बिना तुम्हें बुद्धि की प्राप्ति नहीं हो सकती। महापुरुषों की चरणरज तुम्हारा जीवन बदल देगी। मस्तक पर लगाया करो। —त्रयम्बकेश्वर चैतन्य
बड़े-बड़े प्लान बनाने से काम नहीं बनेगा। सपनों को साकार करना सीखो। लक्ष्य को पूरा करो। भागीरथ बनोगे तभी गंगा नीचे उतरेगी। —मुनि परमानसागर जी
अंधेरा भगाने के लिए दीपक जलाए जाते हैं तो अंतर के दीपक जलाने के लिए लोग मंदिर जाते हैं। श्रद्धा-विश्वास बनाना पड़ेगा। —त्रयम्बकेश्वर चैतन्य
भगवान का भजन करो दीन-दुखियों की सेवा करो। बुजुर्गों के पास बैठा करो। उनका सत्कार करना सीखो। तुम्हारा घर प्रभु का ठाकुरद्वार बन जाएगा। —पं. राजकुमार शर्मा
—अमरनाथ भल्ला, लुधियाना