Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Mar, 2022 10:51 AM
प्रदेश में अनेकों प्रतिष्ठित धर्मस्थल हैं जिनमें बाबा बालक नाथ धाम, दियोट सिद्ध उत्तरी भारत में हमीरपुर से 45 किलोमीटर दूर दियोट सिंह नामक सुरम्य पहाड़ी पर एक सिद्धपीठ है। इसका प्रबंध हिमाचल
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Baba Balak Nath Mela 2022: प्रदेश में अनेकों प्रतिष्ठित धर्मस्थल हैं जिनमें बाबा बालक नाथ धाम, दियोट सिद्ध उत्तरी भारत में हमीरपुर से 45 किलोमीटर दूर दियोट सिंह नामक सुरम्य पहाड़ी पर एक सिद्धपीठ है। इसका प्रबंध हिमाचल सरकार के अधीन है। हमारे देश में अनेकानेक देवी-देवताओं के अलावा नौ नाथ और चौरासी सिद्ध भी हुए हैं जो सहस्त्रों वर्षों तक जीवित रहते हैं और आज भी अपने सूक्ष्म रूप में वे लोक में विचरण करते हैं।
भागवत पुराण के छठे स्कंध के सातवें अध्याय में वर्णन आता है कि देवराज इंद्र की सेवा में जहां देवगण और अन्य सहायकगण थे, वहीं सिद्ध भी शामिल थे। 84 सिद्धों में बाबा बालक नाथ जी का नाम आता है।
नाथों में गुरु गोरख नाथ का नाम आता है। बाबा बालक नाथ जी के बारे में प्रसिद्ध है कि इनका जन्म युगों-युगों में होता रहा है। प्राचीन मान्यता के अनुसार इन्हें भगवान शिव का अंश अवतार ही माना जाता है।
श्रद्धालुओं में ऐसी धारणा है कि बाबा बालक नाथ जी 3 वर्ष की अल्पायु में ही अपना घर छोड़कर चार धाम की यात्रा करते-करते शाहतलाई (जिला बिलासपुर) नामक स्थान पर पहुंचे थे।
शाहतलाई में ही रहने वाली माई रत्नो नामक नि:संतान महिला ने इन्हें अपना पुत्र बनाया। बाबा जी ने 12 साल माई रत्नो की गऊएं चराईं। एक दिन माता रत्नो के ताना मारने पर बाबा जी ने अपने चमत्कार से 12 वर्ष की लस्सी और रोटियां एक पल में लौटा दीं। गुरु गोरख नाथ जी ने बाबा जी को अपना चेला बनाना चाहा परन्तु बाबा जी इंकार करके शाहतलाई से उडारी मारकर धौलगिरि पर्वत पहुंच गए, जहां आजकल बाबा जी की पवित्र सुंदर गुफा है।
मंदिर के प्रमुख द्वार से प्रवेश करते ही अखंड धूना सबको आकर्षित करता है। धूने के पास ही बाबा जी का पुरातन चिमटा है। जब बाबा जी गुफा में अलोप हुए तो वहां एक (दियोट) दीपक जलता रहता था जिसकी रोशनी रात्रि को दूर-दूर तक जाती थी इसीलिए लोग बाबा जी को ‘दियोट सिद्ध’ के नाम से भी जानते हैं।
वर्तमान समय में महंत राजेन्द्र गिरी जी महाराज दिन-रात सेवा कर रहे हैं। यहां 14 मार्च से वार्षिक मेला प्रारंभ हो चुका है। यह तीन माह तक चलेगा और इस दौरान लाखों लोग यहां पहुंच कर बाबा बालक नाथ जी का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।