Edited By Jyoti,Updated: 04 Jun, 2021 06:07 PM
06 जून, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन अपरा एकादशी का व्रत किया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन को अचला एकादशी के नाम से भी जानते हैं।
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06 जून, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन अपरा एकादशी का व्रत किया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन को अचला एकादशी के नाम से भी जानते हैं। यूं तो सनातन धर्म में प्रत्येक एकादशी का महत्व है। मगर आज हम आपको बताने जा रहे हैं अपरा एकादशी का व्रत रखने से मिलने वाले 6 खास फायदों के बारे में। इसके अलावा यहां क्ल्कि करके जानें अपरा एकादशी का शुभ मुहूर्त
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ मास में आने वाली प्रत्येक एकादशी खास होती है, इसी मास में निर्जला एकादशी भी पड़ती है। चूंकि इस मास में गर्मी अपनी चरम सीमा पर होती है इसलिए इस मास मे जल का अधिक महत्व होता है।
अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की तुलसी, चंदन, कपूर व गंगाजल से पूजा करनी अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। यहां जानें इससे होने वाले फायदे-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अपरा एकादशी के दिन व्रत करने वाले मनुष्य को जीवन में अपार पुण्य और खुशियों की प्राप्ति होती है।
जिस व्यक्ति को अपने जीवन में ब्रह्म पाप हत्या आदि जैसे किसी पाप की मुक्ति चाहिए, उसके लिए भी अपरा एकादशी व्रत लाभदायक माना गया है। कहा जाता इस दिन व्रत करने से मनुष्य को ब्रह्म हत्या, परनिंदा और प्रेत योनि जैसे समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।
इसके अलावा अपरा एकादशी के व्रत व्यक्ति को मानसिक शांति प्राप्त होती है।
शास्त्रों के अनुसार अपरा का अर्थ होता है अपार, इसीलिए माना जाता है इस दिन व्रत करने से अपार धन-दौलत की प्राप्ति होती है। साथ ही साथ व्रत रखने वाले व्यक्ति को संसार व समाज में प्रसिद्धि प्राप्त होती है।
अन्य प्रचलित धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मनुष्य को जो फल गंगा नदी के तट पर पितरों को पिंडदान करने, कुंभ में केदारनाथ के दर्शन या फिर बद्रीनाथ के दर्शन, सूर्यग्रहण में स्वर्णदान करने से मिलता होता है, ठीक वहीं फल मनुष्य को अपरा एकादशी का व्रत करने से मिलता है।