Edited By ,Updated: 17 Jan, 2015 08:36 AM
शनि से प्रत्येक जन भयभीत रहता है क्योंकि उनका सोचना होता है की शनि अंधकारमयी, भावहीन, गुस्सैल, निर्दयी और उत्साहहीन देव हैं वास्तव में ऐसा नहीं है। विशिष्ट ज्योतिषचार्यों के अनुसार शनि देव सच्चे लोगों के लिए यश, धन, पद और सम्मान पाने के लिए सबसे...
शनि से प्रत्येक जन भयभीत रहता है क्योंकि उनका सोचना होता है की शनि अंधकारमयी, भावहीन, गुस्सैल, निर्दयी और उत्साहहीन देव हैं वास्तव में ऐसा नहीं है। विशिष्ट ज्योतिषचार्यों के अनुसार शनि देव सच्चे लोगों के लिए यश, धन, पद और सम्मान पाने के लिए सबसे जल्दी खुश होने वाले देव हैं। नवग्रहों में एकमात्र शनि ही ऐसे देव हैं जो अर्थ, धर्म, कर्म और न्याय का प्रतीक हैं। अपने अच्छे कर्मों के द्वारा शनि देव से मनचाही धन-संपत्ति, वैभव और मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है।
शनि की दशा, ढैय्या और साढसत्ती में जीवन में बहुत सारे उतार-चढ़ाव आते हैं, जिससे जीवन रूपी नैया पूरी तरह से डगमगा सकती है ऐसे समय में श्रद्धापूर्वक किया गया शनि मन्त्र का जाप डूबते को तिनके का सहारा दे सकता है।
शनि मन्त्र
ॐ ऐं हीं श्रीं श्नैश्चराय नमः
उपरोक्त मंत्र का शनिवार के दिन शनि देव के मंदिर में जाकर कम से कम 5 माला जाप करें। शनि देव को उड़द व तेल से बने पदार्थों का भोग लगाएं।