तुलसी मंत्र: घर-परिवार को खुशहाल, रोगमुक्त और धन-धान्य से संपन्न करे

Edited By ,Updated: 28 Jan, 2015 08:24 AM

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सनातन धर्म में तुलसी का पौधा विष्णु प्रिया के रूप में पूजा जाता है। तुलसी को धार्मिक, पावन और शुद्ध माना जाता है। तुलसी के पत्तों को सूर्योदय के बाद ही तोड़ें।

सनातन धर्म में तुलसी का पौधा विष्णु प्रिया के रूप में पूजा जाता है। तुलसी को धार्मिक, पावन और शुद्ध माना जाता है। तुलसी के पत्तों को सूर्योदय के बाद ही तोड़ें। 11 दिनों तक इसके पत्ते बासी नहीं माने जाते। इसकी पत्तियों को प्रतिदिन जल से धोकर पुन भगवान को चढ़ाया जा सकता है। स्मरण रहे तुलसी को अनावश्यक नहीं तोड़ना चाहिए। 

पूर्णिमा, अमावस्या, द्वादशी और सूर्य-सक्रान्ति के दिन, मध्याह्नकाल, रात्रि, दोनों संध्याओं के समय और अशौच के समय, तेल लगा के, नहाये धोये बिना जो मनुष्य तुलसी का पत्ता तोड़ता है, वह मानो भगवान श्रीहरि का मस्तक छेदन करता है। तुलसी का पौधा जहां भी दिखे श्रद्धापूर्वक उसकी परिक्रमा करें। रात्रि में इसका स्पर्श न करें, पर्व के दिन यदि कोई तुलसी तोड़ता है तो वह विष्णुद्रोही हो जाता है। 

अपने घर-परिवार को खुशहाल, रोगमुक्त और धन धान्य से संपन्न करना चाहते हैं तो प्रतिदिन निम्न मंत्र का जाप करें विशेष तौर पर एकादशी तिथि पर 

तुलसी मंत्र: तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी। धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।। लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्। तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

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