Edited By ,Updated: 30 Jan, 2015 08:24 AM
बस एक नंबर आपको दिला सकता है प्रचुर सफलता। हर व्यक्ति के लिए एक अंक विशेष होता है, जिसे हम 'लकी नंबर' कहते हैं। ज्योतिष विज्ञान कि कई शाखाएं प्रचलित हैं। इन्हीं में से एक विज्ञान है अंक
बस एक नंबर आपको दिला सकता है प्रचुर सफलता। हर व्यक्ति के लिए एक अंक विशेष होता है, जिसे हम 'लकी नंबर' कहते हैं। ज्योतिष विज्ञान कि कई शाखाएं प्रचलित हैं। इन्हीं में से एक विज्ञान है अंक ज्योतिष अर्थात न्यूमेरोलॉजी। मानव जीवन में अंको अर्थात नंबरों का विशेष महत्व है, और हर नंबर का अपना विशेष प्रभाव, लाभ हानि व्यक्ति विशेष के जीवन पर होता है।
अगर हम न्यूमेरोलॉजी के मुताबिक कार्य करें तो निश्चित तौर पर सफलता का प्रतिशत बढ़ सकता है। संपूर्ण ब्रह्मांड गणित के सूत्रों पर आधारित हैं, हर तरफ अंको का खेल है। ठीक उसी प्रकार जैसे ज्योतिष विज्ञान का प्रमुख आधार ही गणित है। जानिए क्या है आपका लकी नंबर और आपका लकी नंबर आपको कौन से संकेत देता है।
अब सवाल यह उठता है की किसी व्यक्ति को यह पता कैसे चले की उसका विशेष नंबर कौन सा है ? तो इसका आसान तरीका इस प्रकार है। आपकी पूर्ण जन्म तारीख, जन्म के महीने की संख्या और जन्म वर्ष की सम्पूर्ण संख्या को जोड़कर 1 से 9 के बीच जो भी अंक आता हो वह आपका शुभ अंक होगा।
नंबर एक (1): सूर्य प्रधान जन्मांक एक वाले रचनात्मक, सृजनात्मक कार्यों में अत्यधिक रूचि लेते हैं। सामाजिक व राजनितिक तौर पर प्रतिष्ठित होते है।
उपाय: माणिक्य रत्न धारण करें।
नंबर दो (2): चंद्र प्रधान जन्मांक दो वाले सामाजिक और पारिवारिक मैत्री स्थापित करने वाले होते हैं। वस्त्र, आभूषण नृत्य, संगीत इन्हें प्रिय होते हैं।
उपाय: शिव पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें।
नंबर तीन (3): गुरु प्रधान जन्मांक तीन वाले वाक् सिद्धि में निपुण होते है। शिक्षा, धर्म ज्योतिष, लेखन, पत्रकारिता के क्षेत्र में विशेष स्थान प्राप्त कर सकते हैं।
उपाय: नित्य केसर से तिलक करें।
नंबर चार (4): राहू प्रधान जन्मांक चार वाले क्रोधी होते हैं। कर्म से दानी, उच्च आत्मबल से परिपूर्ण, भवन भूमि से परिपूर्ण व्यावहारिक व्यक्ति होते हैं।
उपाय: माता सारस्वती पर नीले फूल चढ़ाएं।
नंबर पांच (5): बुद्ध प्रधान जन्मांक पांच वाले बुद्धिजीवी, और साफ सुथरी छवि वाले होते हैं। मैनेजमेंट, राजनीति, अध्ययन, पत्रकारिता के क्षेत्र में सफलता पाते हैं। उपाय: नित्य गाय की सेवा करें।
नंबर छः (6): शुक्र प्रधान जन्मांक छः वाले सौम्य, आकर्षक और सहज होते है। कला सौंदर्य और मनोरंजन तथा चिकित्सक के क्षेत्रो में नाम कमाते हैं।
उपाय: श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें।
नंबर सात (7): केतु प्रधान जन्मांक सात वाले दिव्य ज्ञान से परिपूर्ण होते हैं। दलाली, उद्योग, व्यापार में पारंगत लेकिन परंतु अधिकखर्चीले होते हैं।
उपाय: गणेशजी को दूर्वा अर्पित करें।
नंबर आठ (8): शनि प्रधान जन्मांक आठ वाले सामाजिक कार्यकर्ता, नेता, उत्तम संगठनकर्ता, प्रतिष्ठित व्यापारी, न्यायाधीश, अधिवक्ता, कुशल निर्णायक होते हैं। उपाय: शनि देव की आराधना करें।
नंबर नौ (9): मंगल प्रधान जन्मांक नौ वाले ससौम्य व्यक्तिव्त्य, वाणी, व्यवहार कुशल वक्ता, चिकत्सक, अध्यापक, अधिवक्ता होते हैं।
उपाय: प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
अंकज्योतिष अर्थात न्यूमेरोलॉजी में जन्मांक के साथ नामांक की भी अत्यधिक महत्वत्ता है। अंक ज्योतिष के अनुसार नामांक का व्यक्ति के जीवन में अहम प्रभाव होता है और व्यक्ति के दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने के लिए भी अंकशास्त्री नामांक का ही सहारा लेते हैं। अक्सर समाचार पत्रों और टेलीविजन पर भविष्यवाणी करने वाले ज्योतिषी और अंकशास्त्री ये बताते हैं कि फलां राजनीतिज्ञ या अभिनेता, अभिनेत्री यां बिजनेसमेन ने अपने नाम में कुछ बदलाव कर नामांक बदल दिया और इसी के साथ उनके भाग्य में परिवर्तन आया। इस लेख के माध्यम से आइए हम जानते हैं कि नामांक की गणना कैसे की जाती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको बताते हैं की वैदिक तकनीक से अर्थात पैथोगोरियन तकनीक से अंग्रेजी के अक्षरों को दिए गए अंकों के आधार पर नामांक की गणना कैसे कि जाती है।
A - J - S = 1
B - K - T = 2
C - L - U = 3
D - M - V = 4
E - N - W = 5
F - O - X = 6
G - P - Y = 7
H - Q - Z = 8
I - R - _ = 9
अब आप भी इन ऊपर दिये गये अंकों से अपना नामांक निकाल सकते हैं। उदाहरणार्थ "सोनिया" (SONIA) नामक महिला का जन्म 20.10.1981 को हुआ था। इनका जन्मांक 4 है, नामांक भी 4 है तथा। संयुक्त अंक 08 भाग्यचक्र के प्रतीक के रूप में जाना जाता है और सौभाग्यशाली अंक है।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com