ऊर्जा शक्ति पर विजय प्राप्त कर दीर्घायु दिलाएगा यह मंत्र

Edited By ,Updated: 01 Feb, 2015 05:24 AM

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सूर्य ब्रह्मण्ड की क्रेन्द्र शक्ति है। यह सम्पूर्ण जगत का गतिदाता है। वेदों एवं पुराणों के साथ-साथ विज्ञान भी इस निष्कर्ष को मानता है कि सूर्य सौर्यमंडल का केन्द्र अधिपति हिस्सा है। अतः

सूर्य ब्रह्मण्ड की क्रेन्द्र शक्ति है। यह सम्पूर्ण जगत का गतिदाता है। वेदों एवं पुराणों के साथ-साथ विज्ञान भी इस निष्कर्ष को मानता है कि सूर्य सौर्यमंडल का केन्द्र अधिपति हिस्सा है। अतः हम सभी सूर्य द्वारा अवश्य प्रभावित होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में इसे कालपुरूष की आत्मा और नवग्रहों का राजा कहा गया है। नवग्रहों में सर्वप्रथम सूर्य को ही महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है और इसे आत्मा, पिता और कर्म का स्वामी माना गया है।  

सूर्य की किरणें सभी रोगों को नष्ट करने वाली, बल तथा उत्साह को बढ़ाने वाली हैं। निरोगी जीवनयापन करने के लिए सूर्य देव को प्रसन्न कर ऊर्जा शक्ति पर विजय प्राप्त करके दीर्घायु पाई जा सकती है।

 'ॐ सुर्याय नमः' मंत्र का जाप करने से जीवन में ऊर्जा शक्ति का संचार होता है।

सूर्य के एक वर्ग सैंटीमीटर से जितनी उर्जा पैदा होती है इतनी उर्जा 100 वाट के 64 बल्बों को जगाने के लिए काफी होगी। सूर्य के माध्यम से जितनी उर्जा धरती पर पहुंचती है उतनी ऊर्जा संम्पूर्ण मानवों द्वारा खप्त की उर्जा से 6000 गुना ज्यादा होती है।

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