Edited By ,Updated: 14 Feb, 2015 08:34 AM
माना जाता है की महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती विवाह बंधन में बंधे थे। जिस कारण महाशिवरात्रि का धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा माना जाता है।
माना जाता है की महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती विवाह बंधन में बंधे थे। जिस कारण महाशिवरात्रि का धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा माना जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 17 फरवरी 2015 मंगलवार को महत्वपूर्ण संयोग लेकर आ रहा है क्योंकि इस दिन श्रवण नक्षत्र का संयोग बन रहा है।
यह नक्षत्र मंगलवार दोपहर 12:15 से आरंभ होकर बुधवार प्रात: 9:27 बजे तक रहेगा। इससे पहले यह संयोग 1995 के फरवरी महीने में बना था। अब पुन: इस योग का संयोग 20 वर्ष उपरांत पड़ा है। इस योग में शिव अराधना करने से अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होगी।
श्रवण नक्षत्र पर चंद्रमा का प्रभुत्व है और भगवान शिव ने चंद्रमा को अपने मस्तक पर मुकुट रूप में पहन रखा है इसलिए महाशिवरात्रि अत्यंत फलदायक है। इसके अतिरिक्त महाशिवरात्रि से एक रोज पहले 16 फरवरी को सोम प्रदोष का भी संयोग पड़ रहा है।