साल भर निरोगी रहना है तो आज न खाएं गर्म खाना

Edited By ,Updated: 13 Mar, 2015 10:48 AM

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शरीर को रोगों से बचाने के लिए ठंडा और बासी भोजन नहीं खाना चाहिए लेकिन साल में एक बार ठंडा और बासी भोजन खाने से साल भर निरोगी रहा जा सकता है। शीतला सप्तमी अथवा शीतला अष्टमी साल में दो ऐसे पवित्र दिन आते हैं जब शीतला माता को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद...

शरीर को रोगों से बचाने के लिए ठंडा और बासी भोजन नहीं खाना चाहिए लेकिन साल में एक बार ठंडा और बासी भोजन खाने से साल भर निरोगी रहा जा सकता है। शीतला सप्तमी अथवा शीतला अष्टमी साल में दो ऐसे पवित्र दिन आते हैं जब शीतला माता को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। कई क्षेत्रों में शीतला सप्तमी पर बासी खाना खाने की परंपरा है तो अन्य क्षेत्रों में अष्टमी पर बासी खाना खाते हैं।

शीतला माता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए करें मंत्र जाप

वन्देऽहंशीतलांदेवीं रासभस्थांदिगम्बराम्।।

मार्जनीकलशोपेतां सूर्पालंकृतमस्तकाम्।।

अर्थात हम शीतला माता की वंदना करते हैं, जो गर्दभ (गधे) पर विराजित हैं, दिगम्बरा हैं। शीतला माता एक हाथ में झाड़ू और दूसरे में कलश ग्रहण किए रहती हैं। सूप और नीम के पत्तों से आलंकारिक माता शीतला की हम वंदना करते हैं।

शीतला माता के उपरोक्त मंत्र से प्रतीत होता है कि माता स्वस्थ एवं स्वच्छ माहौल को पसंद करती हैं। माता के हाथ में झाड़ू होने का अभिप्राय है कि प्रत्येक जन को साफ-सफाई के प्रति हमेशा चौकन्ना और सतर्क रहना चाहिए। 

कलश का अर्थ है कि स्वस्थ एवं स्वच्छ माहौल से घर परिवार में कलश रूपी सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का बसेरा हो। हमारा मन श्रद्धा, तरलता, संवेदना एवं सरलता से भरा रहे। यह क्रोध, लोभ, मोह-माया, ईर्ष्या और घृणा आदि कुत्सित भावनाओं से हमेशा दूर रहे।  

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