गुड फ्राईडे: यीशू ने सलीब पर भी दुश्मनों के हित में प्रार्थना की

Edited By ,Updated: 03 Apr, 2015 11:52 AM

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पवित्र बाईबल में अनेक कुर्बानियों का वर्णन है परन्तु प्रभु यीशू मसीह की कुर्बानी को ही सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है क्योंकि उनका संसार में मानवीय रूप में आना सलीबी मौत और उसके तीसरे दिन पुन: जी उठना यह सब परेमश्वर की ही योजना थी। प्रभु यीशू मसीह के...

पवित्र बाईबल में अनेक कुर्बानियों का वर्णन है परन्तु प्रभु यीशू मसीह की कुर्बानी को ही सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है क्योंकि उनका संसार में मानवीय रूप में आना सलीबी मौत और उसके तीसरे दिन पुन: जी उठना यह सब परेमश्वर की ही योजना थी। प्रभु यीशू मसीह के संबंध में परमेश्वर ने अपने नबियों द्वारा हजारों वर्ष पहले भविष्यवाणियां की थीं जो पवित्र बाईबल के उस पुराने अहदनामे में अंकित हैं जो मसीह के जन्म से हजारों वर्ष पहले नबियों ने परमेश्वर के नेतृत्व में लिखा था।

पवित्र बाईबल के अनुसार परमेश्वर अपने नबियों से सीधी बात करते थे तथा पवित्र बाईबल में नबियों द्वारा और परमेश्वर ने स्वयं प्रभु यीशू मसीह को परमेश्वर का पुत्र कहा है जिनकी पुष्टि में यहुना नबी ने अपनी पुस्तक के 3.16 में लिखा है कि परेमश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना इकलौता पुत्र दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्वास लाए वह हलाक न हो बल्कि महेशा का जीवन पाए। इसके अलावा यहुना नबी की पुस्तक 1.14  में लिखा है कि शब्द देहधारी हुआ और कृपा तथा सच्चाई से भरपूर होकर हमारे बीच वास किया।

प्रभु यीशू मसीह का संसार में आने का केवल एक ही मकसद था पापियों को उनके पापों से मुक्त करना। उन्होंने अपने पाप रहित शरीर की पापियों के लिए कुर्बानी दे दी जो अपने पापों को मानते हुए यह स्वीकार करते हैं कि प्रभु यीशू मसीह ने उनके पापों के बदले परमेश्वर के खते से पूरी अदायगी कर दी है। 

 प्रभु यीशू मसीह ने अपने जीवन के तीस वर्ष अपने माता-पिता की सेवा में गुजारे और अंतिम साढ़े तीन वर्ष जहां मनुष्य को प्रेम शांति व आपसी भाईचारे तथा पापों से तौबा करने का संदेश दिया वहां ऊंच-नीच का भेदभाव समाप्त करते हुए अनेक रोगियों को स्वस्थ किया और यहां तक कि रूहानी शक्ति के साथ मुर्दा को भी जिंदा किया। प्रभु यीशू मसीह ने संसार में आने वाली आगामी मुश्किलों के बारे में मनुष्य को सचेत करते हुए पापों से तौबा करके स्वर्ग के राज के लिए तैयार होने का आह्वान किया परन्तु उस समय के धार्मिक ठेकेदारों ने अपने अस्तित्व को बचाने के लिए उस समय के हाकिमों को यीशू के विरुद्ध गुमराह करके उन पर गलत आरोप लगाकर सलीब देने के लिए मजबूर कर दिया।

उस समय के धर्म के ठेकेदारों ने प्रभु यीशू को सलीब पर चढ़ाने से पहले उन पर असहय अत्याचार किए। प्रभु यीशू मसीह को 39 कोड़े लगवाए गए, हाथों-पैरों में कीलें ठुकवाई गईं। पसली में नेजा मारा गया। उनके मुंह पर थूका गया और जब यीशू ने सलीब से पानी मांगा तो पानी की जगह सिरका दिया गया। ऐसे समय में भी प्रभु यीशू मसीह ने उन पर अत्याचार करने वालों के लिए परमेश्वर से कहा कि हे परमेश्वर इनको क्षमा कर क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।   

जब प्रभु यीशू मसीह ने सलीब पर अपने प्राण त्यागे तो सारी दुनिया में अंधेरा छा गया और सलीब पर चढ़ाने वालों ने उस समय माना कि यीशू सच में परमेश्वर के पुत्र थे। प्रभु यीशू मसीह का बलिदान दिवस गुड फ्राइडे के तौर पर सारी दुनिया में मसीह बड़ी श्रद्धा से मनाते हैं। उनकी याद में चालीस रोजे रखते हैं। यीशू के नामलेवा गुड फ्राइडे को अपने जीवन में बहुत महत्व देते हैं क्योंकि वे मानते हैं कि प्रभु यीशू मसीह ने अपना अमूल्य बलिदान देकर हमारे लिए मुक्ति का मार्ग खोल दिया है।

इस दिन समस्त संसार में मसीही लोग रोजे रख कर गिरजाघरों में आयोजित शोक सभाओं में शामिल होते हैं। इन विशेष सभाओं में यीशू मसीह द्वारा मनुष्य की भलाई के लिए उठाए दुखों का जिक्र किया जाता है। प्रभु यीशू मसीह ने सिर्फ एक मनुष्य एक जाति, एक धर्म के लिए अपनी कुर्बानी नहीं दी बल्कि संसार में रहने वाले सभी लोगों के उद्धार के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी। इसलिए आज के पवित्र दिन अपने पापों से तौबा करने का प्रण लेना चाहिए।

—अल्बर्ट गिल,  शैली अल्बर्ट

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