अपनी शक्ति बढ़ाना चाहते हैं तो याद रखें श्री कृष्ण की एक बात

Edited By ,Updated: 03 Apr, 2015 03:55 PM

article

महाभारत का युद्ध चल रहा था। एक ओर अर्जुन थे, जिनके सारथी थे ‘श्री कृष्ण’। तो दूसरी ओर कर्ण थे और उनका सारथी ‘शल्य’। भगवान श्री कृष्ण

महाभारत का युद्ध चल रहा था। एक ओर अर्जुन थे, जिनके सारथी थे ‘श्री कृष्ण’। तो दूसरी ओर कर्ण थे और उनका सारथी ‘शल्य’। भगवान श्री कृष्ण ने कर्ण के सारथी से कहा, ‘‘तुम हमारे विरुद्ध जरूर लडऩा पर मेरी एक बात जरूर मानना।’’ 

जब कर्ण प्रहार करे तब कहना कि ‘‘यह भी कोई  प्रहार होता है, तुम प्रहार करना नहीं जानते।’’ 

बस तुम इन वाक्यों को दोहराते रहना। सारथी शल्य ने कृष्ण की बात स्वीकार कर ली। युद्ध आरंभ हुआ। कर्ण के प्रत्येक प्रहार पर शल्य कहता, ‘‘यह भी कोई प्रहार है? आप प्रहार करना ही नहीं जानते।’’

उधर, अर्जुन के प्रत्येक प्रहार पर, कृष्ण कहते, ‘‘वाह कैसा प्रहार है। क्या निशाना साधा है।  प्रत्येक बार उसके सारथी द्वारा कहने पर कर्ण हतोत्साहित हो गया।’’ 

अर्जुन की शक्ति बढ़ती गई और पांडव पहले से अधिक शक्तिशाली हो गए। इसीलिए प्रोत्साहन मन के लिए अमृत है जबकि हतोत्साहित मन पराजय की पहली सीढ़ी है। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!