Edited By ,Updated: 04 Apr, 2015 08:25 AM
हिन्दू मान्यतानुसार रुद्रावतार हनुमान माता अंजनी और वानर राज केसरी के पुत्र हैं। चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ही हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता हैं।
हिन्दू मान्यतानुसार रुद्रावतार हनुमान माता अंजनी और वानर राज केसरी के पुत्र हैं। चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ही हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता हैं। हनुमान जयंती को मनाने के लिए केवल मंदिर जा कर पूजा करना ही नहीं बल्कि हनुमान जयंती का उद्देश्य तो हनुमान जी के चरित्र से उनके महान कार्यो को जीवन में लाना है।
प्रत्येक वर्ष हनुमान जी की किसी भी एक अच्छाई को अपनाना और उसे बढ़ावा देना हमारे जीवन को सार्थक कर सकता है। पवन पुत्र की पूजा करने के साथ-साथ पवन को भी स्वच्छ बनाए रखना ही हनुमान जी की श्रेष्ठ पूजा है।
अतुलित बलधामं हेमशैलाभदेहम
दनुजबन कृशानुं ज्ञानिनाम अग्रगण्यम
सकल गुण निधानं वानराणामधीशं
रघुपति प्रिय भक्तं वातजातं नमामि
हनुमान जी की कुछ विशेषताएं जो उन्हें विशेष बनाती हैं:
* हनुमान जी को शिव जी का ग्यारहवां अवतार माना जाता है।
* हनुमान जी चिरंजीवी हैं वे अभी भी पृथ्वी पर हैं।
- पं. सोमेश्वर जोशी