Edited By ,Updated: 10 Apr, 2015 09:02 AM
एक मेहनती और ईमानदार नौजवान बहुत पैसा कमाना चाहता था क्योंकि वह गरीब था तथा बदहाली में जी रहा था। उसका सपना था कि वह मेहनत करके खूब पैसे कमाए और एक दिन अपने पैसे से एक कार खरीदे। जब भी वह कोई कार देखता तो उसे अपनी कार खरीदने का मन करता।
एक मेहनती और ईमानदार नौजवान बहुत पैसा कमाना चाहता था क्योंकि वह गरीब था तथा बदहाली में जी रहा था। उसका सपना था कि वह मेहनत करके खूब पैसे कमाए और एक दिन अपने पैसे से एक कार खरीदे। जब भी वह कोई कार देखता तो उसे अपनी कार खरीदने का मन करता।
कुछ साल बाद उसकी अच्छी नौकरी लग गई। उसकी शादी भी हो गई और कुछ ही वर्षों में वह एक बेटे का पिता भी बन गया। सब कुछ ठीक चल रहा था मगर फिर भी उसे एक दुख सताता था कि उसके पास उसकी अपनी कार नहीं थी। धीरे-धीरे उसने पैसे जोड़ कर एक कार खरीद ली। कार खरीदने का उसका सपना पूरा हो चुका था और इससे वह बहुत खुश था। वह कार की बहुत अच्छी तरह देखभाल करता था और उसमें शान से घूमता था।
एक दिन रविवार को वह कार को रगड़-रगड़ कर धो रहा था। यहां तक कि गाड़ी के टायरों को भी चमका रहा था। उसका 5 वर्षीय बेटा भी उसके साथ था। बेटा भी पिता के आगे-पीछे घूम-घूम कर कार को साफ होते देख रहा था। कार को धोते-धोते अचानक उस आदमी ने देखा कि उसका बेटा कार के बोनट पर किसी चीज से खुरच-खुरच कर कुछ लिख रहा है। यह देखते ही उसे बहुत गुस्सा आया। वह अपने बेटे को पीटने लगा। उसने उसे इतनी जोर से पीटा कि बेटे के हाथ की एक उंगली ही टूट गई।
दरअसल वह आदमी अपनी कार को बहुत चाहता था और वह बेटे की इस शरारत को बर्दाश्त नहीं कर सका। बाद में जब उसका गुस्सा कुछ कम हुआ तो उसने सोचा कि जा कर देखूं कि कार में कितनी खरोंच लगी है। कार के पास जाकर देखने पर उसके होश उड़ गए। उसे खुद पर बहुत गुस्सा आ रहा था। वह फूट-फूट कर रोने लगा। कार पर उसके बेटे ने खुरच कर लिखा था पापा, आई लव यू।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि किसी के बारे में कोई गलत राय रखने से पहले या गलत फैसला लेने से पहले हमें यह जरूर सोचना चाहिए कि उस व्यक्ति ने वह काम किस नीयत से किया है।