Edited By ,Updated: 02 May, 2015 08:13 AM
एक राजा था। उसने 10 खूंखार जंगली कुत्ते पाल रखे थे जिनका इस्तेमाल वह लोगों को उनके द्वारा की गई गलतियों पर मौत की सजा देने के लिए करता था। एक बार कुछ ऐसा हुआ कि राजा के एक पुराने मंत्री से कोई गलती हो गई।
एक राजा था। उसने 10 खूंखार जंगली कुत्ते पाल रखे थे जिनका इस्तेमाल वह लोगों को उनके द्वारा की गई गलतियों पर मौत की सजा देने के लिए करता था। एक बार कुछ ऐसा हुआ कि राजा के एक पुराने मंत्री से कोई गलती हो गई। अत: क्रोधित होकर राजा ने उसे शिकारी कुत्तों के सम्मुख फकवाने का आदेश दे डाला। सजा दिए जाने से पूर्व राजा ने मंत्री से उसकी आखिरी इच्छा पूछी।
‘‘राजन! मैंने आज्ञाकारी सेवक के रूप में आपकी 10 सालों से सेवा की है...मैं सजा पाने से पहले आपसे 10 दिनों की मोहलत चाहता हूं।’’
मंत्री ने राजा से निवेदन किया। राजा ने उसकी बात मान ली। दस दिन बाद राजा के सैनिक मंत्री को पकड़ कर लाते हैं और राजा का इशारा पाते ही उसे खूंखार कुत्तों के सामने फैंक देते हैं परन्तु यह क्या कुत्ते मंत्री पर टूट पडऩे की बजाय अपनी पूंछ हिला-हिला कर मंत्री के ऊपर कूदने लगते हैं और प्यार से उसके पैर चाटने लगते हैं।
राजा आश्चर्य से यह सब देख रहा था उसने मन ही मन सोचा कि आखिर इन खूंखार कुत्तों को क्या हो गया है? वे इस तरह क्यों व्यवहार कर रहे हैं? आखिरकार राजा से रहा नहीं गया उसने मंत्री से पूछा, ‘‘यह क्या हो रहा है, ये कुत्ते तुम्हें काटने की बजाय तुम्हारे साथ खेल क्यों रहे हैं?’’
‘‘राजन! मैंने आपसे जो 10 दिनों की मोहलत ली थी, उसका एक-एक क्षण मैंने इन बेजुबानों की सेवा करने में लगा दिया। मैं रोज इन कुत्तों को नहलाता, खाना खिलाता व हर तरह से उनका ध्यान रखता। ये कुत्ते खूंखार और जंगली होकर भी मेरी रोज 10 दिन की सेवा नहीं भुला पा रहे हैं परन्तु खेद है कि आप प्रजा के पालक होकर भी मेरी 10 वर्षों की स्वामीभक्ति भूल गए और मेरी एक छोटी-सी त्रुटि पर इतनी बड़ी सजा सुना दी।’’
राजा को अपनी भूल का एहसास हो चुका था, उसने तत्काल मंत्री को आजाद करने का हुक्म दिया और आगे से ऐसी गलती न करने की सौगंध ली।
मित्रो, कई बार इस राजा की तरह हम भी किसी की बरसों की अच्छाई को उसके एक पल की बुराई के आगे भुला देते हैं। यह कहानी हमें क्षमाशील होना सिखाती है, यह हमें सबक देती है कि हम किसी की हजार अच्छाईयों को उसकी एक बुराई के सामने छोटा न होने दें।