Edited By ,Updated: 16 May, 2015 11:34 AM
कहावत है की " सफलता प्रसन्नता की कुंजी नहीं है, परंतु प्रसन्नता सफलता की कुंजी है। "
अगर आप अपने काम को दिल से करते हैं तो जरूर सफल होंगे l आखिर सफलता और प्रसन्नता में क्या कोई समानता है ? वैसे जिंदगी की दौड़ में आज मनुष्य इतना तेज़ भाग रहा है कि
कहावत है की " सफलता प्रसन्नता की कुंजी नहीं है, परंतु प्रसन्नता सफलता की कुंजी है। "
अगर आप अपने काम को दिल से करते हैं तो जरूर सफल होंगे l आखिर सफलता और प्रसन्नता में क्या कोई समानता है ? वैसे जिंदगी की दौड़ में आज मनुष्य इतना तेज़ भाग रहा है कि खुद अपनी ही ख़ुशी भूल गया है, जो पल ख़ुशी के आज मिले हैं उन्हें खोकर आने वाले कल में ख़ुशी पा लेना चाहता है पर क्या उस ख़ुशी को कल वो भोग पायेगा ?
क्योंकि कल भी तो वो आज ही की तरह आगे ख़ुशी पाने की चाहत करेगा उसके जीवन की यही निरंतरता उसकी ख़ुशी को निगल जाएगी l इसलिए हर मनुष्य को आज मिली ख़ुशी को साथ लेकर आगे चलना चाहिए तभी वो इस जीवन की हर ख़ुशी पा लेगा क्योंकि जीवन की सच्ची ख़ुशी तो जीवन जीने में है न कि केवल भागने में।
वेद मंत्रों में वह खजाना भरा पड़ा है जिससे मनुष्य अपना भौतिक जीवन सुखमय करने के साथ-साथ आत्मिक सुख की अनुभूति भी करता है।
Success और Happiness दिलाएगा भगवान राम का यह मंत्र
'रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे
रघुनाथाय नाथाय सीताया: पतये नम:'
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com