मई के महीने में मंगल और सूर्य मिल कर करेंगे अग्नि वर्षा

Edited By ,Updated: 19 May, 2015 10:34 AM

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ज्योतिष के मोदिनी स्कंद अनुसार वर्ष 2015 में अग्नि तत्व ग्रहों का प्रभाव वातावरण पर अधिक रहेगा। इस वर्ष दो आषाढ़ महीने होने के कारण खंडवर्षा के भी योग बन रहे हैं। ज्योतिषशास्त्र अनुसार सूर्य व मंगल सर्वाधिक रूप से अग्निकारक ग्रह माने जाते हैं तथा...

ज्योतिष के मोदिनी स्कंद अनुसार वर्ष 2015 में अग्नि तत्व ग्रहों का प्रभाव वातावरण पर अधिक रहेगा। इस वर्ष दो आषाढ़ महीने होने के कारण खंडवर्षा के भी योग बन रहे हैं। ज्योतिषशास्त्र अनुसार सूर्य व मंगल सर्वाधिक रूप से अग्निकारक ग्रह माने जाते हैं तथा वर्ष 2015 में ज्येष्ठ माह में पांच मंगलवार पड़ने से ज्येष्ठ माह के अत्यधिक गर्म रहने के आसार हैं। ज्योतिषशास्त्र के पंचांग प्रणाली अनुसार ज्येष्ठ माह का प्रारंभ मंगलवार दिनांक 05.05.2015 से हुआ है तथा ज्येष्ठ माह का अंत भी मंगलवार दिनांक 02.06.2105 को होगा। ज्येष्ठ माह में पांच मंगलवार पड़ने से ग्रीष्म ऋतु अपने प्रचुर तेवर निश्चित दिखाएगी। 

बुधवार दिनांक 29.04.2015 को मंगल ने सूर्य के नक्षत्र कृतिका में प्रवेश किया था तथा मंगलवार दिनांक 12.05.2015 को सूर्यदेव ने अपने ही नक्षत्र कृतिका में प्रवेश किया था। जिसके साथ ही तापमान में बढ़त प्रारंभ हो गयी थी। सूर्य और मंगल का कृतिका नक्षत्र में भ्रमण मध्यम गर्मी प्रदान करता है तथा छुटपुट वर्षा के भी योग बनाता है। सोमवार दिनांक 18.05.2015 को मंगल के चंद्रमा के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश से गर्मी के प्रचंड होने के योग हैं। इसके पश्चात नौतपा में सूर्यदेव के रोहिणी नक्षत्र में भ्रमण से गर्मी तेज होने के प्रबल आसार बन रहे हैं। 

क्या है नौतपा: ज्येष्ठ माह में सूर्यदेव का वृष राशि मे 10 अंश से प्रारंभ होकर 23 अंश 20 कला तक का भ्रमण नौतपा कहलाता है अर्थात सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में भ्रमण ही नौतपा कहलाता है। वर्ष 2015 में सूर्यदेव का रोहिणी में भ्रमण सोमवार दिनांक 25.05.2015 शाम 04 बजकर 08 मिनट और 30 सेकंड्स से प्रारंभ हो जाएगा तथा सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में सोमवार दिनांक 08.06.2105 को रात 09 बजकर 11 मिनट और 21 सेकेंड्स तक रहेंगा। इस दौरान तेज गर्मी रहने पर बारिश के अच्छे योग और कम तपन पर बारिश में कमी दर्शाती है। ज्योतिषशास्त्र अनुसार रोहिणी का वास किस नक्षत्र में होगा इसका निर्धारण चंद्र नक्षत्र से होता है तथा नक्षत्र व राशियों के बीच संबंध भी रोहिणी के वास आधारित होता है।

मोदिनी ज्योतिष के गोचर खंड अनुसार मई महीने के अंत तक तेज गर्मी पड़ेगी। रोहिणी नक्षत्र का वास इस वर्ष समुद्र में होने के कारण नौतपा में खंड वर्षा के प्रबल योग बन रहे हैं। वृषभ संक्रांति के पांच दिन पश्चात तक सूर्य, मंगल व बुध वृष राशि में रहने के कारण तथा शनि से सम-सप्तक योग होने के कारण तापमान मे अकस्मात वृद्धि होगी। मंगल अग्नि कारक ग्रह है तथा सूर्य के प्रभाव से यह तापमान को और बढ़ाएगा। सोमवार दिनांक 25.05.2015 से नौतपा शुरू होते ही गर्मी और तेज होगी। नौतपा का अंत जेठ ज्येष्ठ माह के आखिरी दिन मंगलवार दिनांक 02.06.2105 को होगा। क्योंकि रोहिणी सूर्य का महा-नक्षत्र है अतः नौतपा अंत होने के बाद भी रोहिणी नक्षत्र में सूर्य के भ्रमण तक तेज गर्मी रहेगी। 

आचार्य कमल नंदलाल

ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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