Edited By ,Updated: 15 Jun, 2015 09:55 AM
आषाढ़ मास में पड़ने वाली अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या के नाम से जाना जाता हैं। यह पर्व किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि
आषाढ़ मास में पड़ने वाली अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या के नाम से जाना जाता हैं। यह पर्व किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस समय तक वर्षा ऋतु का आरंभ हो जाता है और धरती नम पड़ जाती है। फसल की बिजाई के लिए ये समय उत्तम होता है। किसान विधि-विधान से हल का पूजन करते हैं और प्रार्थना करते हैं इस वर्ष हरी-भरी फसल के पुण्य-प्रताप से घर में भी हरियाली छाई रहे। जिससे की घर में अन्न-धन की कभी कमी न हो।
16 जून 2015 मंगलवार को हलहारिणी अमावस्या का शुभ दिन है। हलहारिणी अमावस को मनाने के पीछे ये उद्धेश्य है की किसी भी शुभ काम का आरंभ भगवान के भजन-सुमिरन के साथ-साथ उनका धन्यवाद करते हुए आरंभ करना चाहिए। जो वस्तुएं रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग होती हैं उनका उचित मान-सम्मान करना चाहिए। हल पूजन इसी बात का प्रतीक है।