Edited By ,Updated: 18 Jul, 2015 03:16 PM
आज 19 साल के उपरांत भगवान जगन्नाथ, श्रीबलदेव और देवी सुभद्रा के श्री विग्रह को बदला गया है। इस विशाल उत्सव को नवकलेवर कहा जाता है।
आज 19 साल के उपरांत भगवान जगन्नाथ, श्रीबलदेव और देवी सुभद्रा के श्री विग्रह को बदला गया है। इस विशाल उत्सव को नवकलेवर कहा जाता है। अंतिम नवकलेवर 1996 में हुआ और इससे पूर्व 1977 और 1969 में हुआ। प्रतिवर्ष रथयात्रा में लगभग 10 लाख लोग आते हैं। नवकलेवर के तुरंत बाद होने वाली रथयात्रा में भीड़ 30 लाख तक बढ़ जाती है। उस समय भक्त भगवान के श्री विग्रह का पहली बार दर्शन करते हैं।इस वर्ष अनुमान लगाया जा रहा है की 50 लाख तक भक्तों के आने की उम्मीद है।
हिंदू पंचाग के अनुसार आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की दूसरी तिथि को जगन्नाथ रथयात्रा निकाली जाती है। जैसे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण, श्रीराम नवमी पर भगवान श्रीराम, श्रीगौर पूर्णिमा पर भगवन श्रीगौर-सुन्दर का जन्म (प्राकट्य) हुआ था उसी प्रकार स्नान यात्रा के दिन भगवान जगन्नाथ जी का प्राकट्य हुआ था अर्थात भगवान जगन्नाथ जी स्नान यात्रा के दिन ही इस धरातल पर प्रकट हुए थे।
घर बैठे करें आज की जगन्नाथ रथयात्रा के दर्शन