Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Jun, 2020 07:39 AM
इस बार 21 जून को आषाढ़ अमावस्या वाले दिन सूर्य ग्रहण भी है इसलिए ग्रहण खत्म होने के बाद किसी मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाकर बिल्व पत्र व धतूरा अर्पित करें और
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Ashadha Amavasya 2020: इस बार 21 जून को आषाढ़ अमावस्या वाले दिन सूर्य ग्रहण भी है इसलिए ग्रहण खत्म होने के बाद किसी मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाकर बिल्व पत्र व धतूरा अर्पित करें और सूर्यास्त के बाद हनुमानजी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। हनुमानजी के मंत्र ऊँ रामदूताय नम: का जाप 108 बार करने से भी शुभ फल प्राप्त होगा।
कहते हैं कि इस दिन पवित्र नदी और तीर्थ स्थलों पर स्नान का अपने जीवनकाल में कई गुना फल मिलता है। इस दिन किसान खेती में काम आने वाले अपने यंत्रों जैसे- हल इत्यादि का पूजन भी करते हैं इसलिए इसे हलहारिणी अमावस्या भी कहते हैं।
पितृ कार्यों के लिए आषाढ़ अमावस्या को बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या तिथि के दिन पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को मुक्ति प्राप्त होती है।
ऐसी मान्यता भी है कि इस दिन पितृ तर्पण से पितरों को तृप्ति का अनुभव होता है और वे जीवन में सुख-शांति का आशीर्वाद देते हैं। तभी तो इस अमावस्या तिथि को पितृकर्म अमावस्या भी कहा जाता है। अमावस्या को शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाना भी बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें तो उसका पुण्य फल मिलता है।
गुरमीत बेदी
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