Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Feb, 2019 02:53 PM
ज्योतिष के अनुसार सप्ताह के सातों दिन सौरमंडल के किसी न किसी ग्रह से अपना संबंध रखते हैं। हर दिन पर अलग-अलग ग्रह का स्वामित्व स्थापित है। शास्त्रों के अनुसार जिस वार पर जो ग्रह प्रभावी होता है उसी दिन के मुताबिक काम करने चाहिए अन्यथा
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ज्योतिष के अनुसार सप्ताह के सातों दिन सौरमंडल के किसी न किसी ग्रह से अपना संबंध रखते हैं। हर दिन पर अलग-अलग ग्रह का स्वामित्व स्थापित है। शास्त्रों के अनुसार जिस वार पर जो ग्रह प्रभावी होता है उसी दिन के मुताबिक काम करने चाहिए अन्यथा घातक परिणाम भोगने पड़ सकते हैं।
पुराणों में कहा गया है की हर ग्रह के अपने-अपने शुभ-अशुभ प्रभाव होते हैं। उनके अनुसार काम करने से ही लाभ मिलता है अन्यथा लाइफ में स्ट्रैस और परेशानी बनी रहती है। ये काम हमारे रोजमर्रा के जीवन से संबंधित हैं जैसे आजकल जाड़े का मौसम चल रहा है।
अधिकतर लोग हर रोज़ तेल मालिश करते हैं। क्या आप जानते हैं ऐसा करना आपके लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है। आइए जानें, क्या कहते हैं ज्योतिष-
ज्योतिष विद्वान कहते हैं शुक्रवार को तेल मालिश नहीं करनी चाहिए विशेषकर पुरुषों को तो बिल्कुल भी शुक्रवार के दिन शरीर अथवा बालों में तेल नहीं लगाना चाहिए। शुक्र वीर्य का स्वामी है और वीर्य ही मनुष्य का तेज है।
ल मालिश करने से शुक्र का तेज हमारे वीर्य में उष्णता में वृद्धि करके हमें दुखी कर सकता है क्योंकि वीर्य में दूषित होने से गर्भाधान में समस्या उत्पन्न हो सकती है। जो भविष्य में दुखों का कारण हो सकता है।
रविवार को भी तेल मर्दन न करें क्योंकि रविवार को तेल मालिश से ताप में वृद्धि होती है। रवि सौर मंडल का सबसे तेजस्वी ग्रह है। शास्त्रों का कथन है कि रविवार को तेल मालिश से ताप, सोमवार को शारीरिक दुख तथा शनिवार को सुख प्राप्त होता है।
प्रसंग बनता है कि मंगलवार को तेल मालिश से मृत्यु कैसे हो सकती है। यहां मृत्यु का अर्थ मरने से नहीं बल्कि शरीर में तरह-तरह की उत्पन्न होने वाली बीमारियों से है जो घातक सिद्ध होती हैं। मंगल को तेल मालिश करने से मिर्गी, खुजली आदि होने की अधिक संभावना होती है।
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