Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jan, 2018 02:40 PM
ज्योतिष में वे सभी रहस्य छिपे हुए हैं जो आप अपने बारे में आंखों से नहीं देख सकते। ज्योतिषी अपनी गणना में गलत हो सकता है, ज्योतिष शास्त्र नहीं और यह गणना ज्योतिषी के अनुभव, ज्ञान, उसकी विश्लेषण योग्यता, जन्मपत्री का
ज्योतिष में वे सभी रहस्य छिपे हुए हैं जो आप अपने बारे में आंखों से नहीं देख सकते। ज्योतिषी अपनी गणना में गलत हो सकता है, ज्योतिष शास्त्र नहीं और यह गणना ज्योतिषी के अनुभव, ज्ञान, उसकी विश्लेषण योग्यता, जन्मपत्री का सही समय आदि कई बिंदुओं पर निर्भर करता है। एक डाक्टर मरीज का डायग्नोसिस करके तभी रोग बता सकता है जब रोग हो चुका हो परंतु जन्मपत्री के माध्यम से उस दिन ही सब रोग पता चल जाते हैं जिस दिन वह मनुष्य इस धरती पर जन्म लेता है।
पहले दिन ही बताया जा सकता है कि जातक को कब कौन-सा रोग होगा? ऐनक किस आयु में लगेगी? दुर्घटना कब घटेगी, जोड़ों का दर्द कब होगा, सर्जरी कब होगी, किस भाग की होगी, फ्रैक्चर शरीर के किस भाग में और कब होगा, दिल की बीमारी होगी या नहीं, क्षय रोग होगा या कैंसर, रक्तचाप, एलर्जी, गठिया, किडनी आदि के रोग होंगे या नहीं, होंगे तो किस वर्ष में आदि-आदि।
सब कुछ पहले ही तय है और बताया जा सकता है परंतु मानव व्यवहार ऐसा है कि अपने बारे में कुछ भी नकारात्मक सुनना ही नहीं चाहता और ज्योतिषी के पास वह सब कुछ अच्छा-अच्छा सुनने जाता है, जो उसके मन में पहले से ही होता है। अत: रोग होने से पहले जानने में और उसकी सावधानी रखने में चूक जाता है। चिकित्सा विज्ञान तो रोग घटित होने पर ही बता सकता है कि कैंसर की तीसरी स्टेज है या गॉल ब्लैडर में पथरी है परंतु आपकी जन्म पत्री और अनुभवी ज्योतिषी आपको बरसों पहले आने वाले रोग से आगाह कर सकता है।
ज्योतिष शास्त्र की मैडीकल शाखा पर अनेक विद्वानों ने अनुसंधान करके अनेक पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें वे सभी योग अपने अनुभवों के अनुसार लिखे हैं जिनसे ये रोग होते हैं। किस दशा में होंगे यह जानना और महत्वपूर्ण हो जाता है ताकि समय रहते उपचार आरंभ कर दिया जाए।