Edited By Jyoti,Updated: 22 Aug, 2020 03:19 PM
ज्योतिष शास्त्र में ग्रह व नक्षत्रों आदि से बनने वाले योग आदि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है इन योग का अच्छा-बुरा दोनों तरह का प्रभाव होता है।
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ज्योतिष शास्त्र में ग्रह व नक्षत्रों आदि से बनने वाले योग आदि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है इन योग का अच्छा-बुरा दोनों तरह का प्रभाव होता है। आज हम आपको बताने वाले हैं सर्वार्थ सिद्धि योग के बारे में। आप में से बहुत से लोगों ने इसका नाम तो सुना होगा किंतु यकीनन ये नहीं पता होगा कि ये योग शुभ होता है या अशुभ। तो आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग एक अत्यंत शुभ योग है जो निश्चित वार और निश्चित नक्षत्र के संयोग से बनता है। ये योग एक बहुत ही शुभ समय है जो कि नक्षत्र वार की स्थिति के आधार पर गणना किया जाता है। यह योग सभी इच्छाओं तथा मनोकामनाओं को पूरा करने वाला है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कोई भी नया कार्य जो कि सर्वार्थ सिद्धि योग में प्रारंभ किया जाता है।
सर्वार्थसिद्धि योग
26 अगस्त को सुबह 06:00 से दोपहर 01:04 तक
30 अगस्त को सुबह 06:02 से दोपहर 01:52 तक
31 अगस्त को सुबह 06:03 से दोपहर 03:04 तक
अमृत सिद्धि योग अपने नामानुसार बहुत ही शुभ योग है। इस योग में सभी प्रकार के शुभ कार्य किए जा सकते हैं। ये योग वार और नक्षत्र के तालमेल से बनता है। इस योग के बीच अगर तिथियों का अशुभ मेल हो जाता है तो अमृत योग नष्ट होकर विष योग में परिवर्तित हो जाता है। सोमवार के दिन हस्त नक्षत्र होने पर जहां शुभ योग से शुभ मुहूर्त बनता है लेकिन इस दिन षष्ठी तिथि भी हो तो विष योग बनता है।
अमृत सिद्धि योग
26 अगस्त को सुबह 06:00 से दोपहर 01:04 तक
चलिए अब बताते हैं कि अगस्त में रवि योग कब-कब बन रहा है-
रवि योग
1 अगस्त को सुबह 06:49 से 2 अगस्त, सुबह 05:47 तक
2 अगस्त को सुबह 05:47 से सुबह 06:52 तक, रात 9:44 से 3 अगस्त सुबह 5:48 तक
3 अगस्त को सुबह 05:48 से सुबह 07:19 तक
9 अगस्त को शाम 07:07 से 10 अगस्त सुबह 05:52 तक
10 अगस्त को सुबह 05:52 से रात 10:06 तक
21 अगस्त को रात 09:29 से 22 अगस्त, सुबह 05:58 तक
22 अगस्त को सुबह 05:58 से शाम 07:11 तक
23 अगस्त को शाम 05:06 से 24 अगस्त, सुबह 05:59 तक
24 अगस्त को सुबह 05:59 से दोपहर 03:22 तक
26 अगस्त को दोपहर 01:04 से 27 अगस्त, सुबह 06:01 तक
27 अगस्त को सुबह 06:01 से 28 अगस्त सुबह 06:01 तक
28 अगस्त को सुबह 06:01 से दोपहर 12:37 तक
30 अगस्त को दोपहर 01:52 से दोपहर 03:22 तक
31 अगस्त को दोपहर 03:04 से 1 सितंबर, सुबह 06:03 तक
चलिए अब बताते हैं कि द्विपुष्कर योग कब बन रहा है-
द्विपुष्कर योग
4 अगस्त को रात 09:54 से 5 अगस्त, सुबह 05:49 तक
पुनर्वसु, उत्तराषाढ़ और पूर्वाभाद्रपद इन नक्षत्रों में से कोई नक्षत्र रविवार, मंगलवार या शनिवार के दिन द्वितीया, सप्तमी या द्वादशी तिथि के साथ आता है तो त्रिपुष्कर योग बनता है। तो आपको बताते हैं कि अगस्त में कब बन रहा है।
त्रिपुष्कर योग
16 अगस्त को सुबह 07:03 से दोपहर 01:50 तक
25 अगस्त को सुबह 06:00 से सुबह 12:21 तक
29 अगस्त को दोपहर 01:03 से 30 अगस्त, सुबह 06:02 तक
30 अगस्त को सुबह 06:02 से सुबह 08:21 तक
इसके अलावा गुरुवार और पुष्य नक्षत्र के संयोग से निर्मित होने वाले योग को गुरु पुष्य योग कहते हैं जो कि अगस्त माह में नहीं बन रहा है। तो वहीं रवि पुष्य योग भी अगस्त माह में नहीं बनेगा।
माना जाता है कि इन योग के दौरान शुक्र अस्त, पंचक, भद्रा आदि पर विचार करने की ज़रूरत नहीं होती। इसलिए इन दोनों ही योगों के बनने पर किए गए शुभ काम में कभी भी असफलता नहीं मिलती है बल्कि सकारात्मक फलों की प्राप्ति होती है।