Edited By Jyoti,Updated: 14 Apr, 2018 11:26 AM
अमृतसर, (स.ह., नवदीप): विश्व का सबसे बड़ा लंगर श्री दरबार साहिब में बनता है। हालांकि लंगर कितना बनता है इसका कोई अनुमान नहीं होता, लेकिन 3 घंटे में 1 लाख श्रद्धालुओं का लंगर तैयार करने के लिए 24 घंटे लंगर भवन के 500 कर्मचारी तैयार रहते हैं।
अमृतसर, (स.ह., नवदीप): विश्व का सबसे बड़ा लंगर श्री दरबार साहिब में बनता है। हालांकि लंगर कितना बनता है इसका कोई अनुमान नहीं होता, लेकिन 3 घंटे में 1 लाख श्रद्धालुओं का लंगर तैयार करने के लिए 24 घंटे लंगर भवन के 500 कर्मचारी तैयार रहते हैं। 3 घंटे में लंगर तैयार होता है और 2 घंटे में खपत हो जाती है। यह आम दिनों की बात है। अगर बात करें बैसाखी या गुरुपर्व की तो इस दिन लंगर की पंगत और संगत देखने लायक होती है। ‘पंजाब केसरी’ की ‘श्री गुरु रामदास जी’ लंगर भवन से स्पैशल स्टोरी।
1 घंटे में 3 हजार ‘प्रसादा’ होता है तैयार
लंगर भवन के पास आटोमेटिक 7 प्रसादा (रोटी) बनाने वाली मशीनें हैं। छोटी मशीनों में 1 घंटे में 3 हजार और बड़ी मशीनों में 1 घंटे में 7 हजार प्रसादा तैयार होता है।
बैसाखी पर लंगर में बंटेंगे ये विशेष पकवान
बैसाखी हो या गुरुपर्व, इस दिन लंगर विशेष रहता है। इस बार बैसाखी पर मटर पनीर, दाल, मिक्स सब्जी, चावल, रोटी, कड़ाह, लड्डू (बूंदी), लड्डू (बेसन), पकौड़े, खीर, जलेबी परोसा जाएगा। साथ ही बादाम-दूध, चाय, मीठी लस्सी, पीले मीठे चावल आदि व्यंजन परोसे जाएंगे। लंगर तैयार करने वाले सतनाम सिंह कहते हैं कि लंगर ‘श्री वाहे गुरु सतनाम जी’ के जाप से तैयार किया जाता है।
लंगर की सेवा सबसे बड़ी सेवा
लंगर की सेवा करते हुए प्रसादा (रोटी) बना रही पंचकूला की लाभ कौर ने बताया कि लंगर की सेवा से लाभ मिलता है। चंडीगढ़ से जरनैल कौर व सतवंत कौर, मोहाली से बलविंदर कौर व अमृतसर से शरणजीत कौर एक साथ सेवा कर रही थीं, कहती हैं कि लंगर की सेवा सबसे बड़ी सेवा है।