Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Jul, 2021 09:40 AM
कोरोना महामारी का असर सभी कारोबार पर देखने को मिल रहा है। ईद के त्योहार पर बाजारों में रौनक तो दिखी लेकिन पहले की तरह नहीं। जामा मस्जिद, सीलमपुर-जाफराबाद और ओखला
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
नई दिल्ली (चांदनी कुमारी): कोरोना महामारी का असर सभी कारोबार पर देखने को मिल रहा है। ईद के त्योहार पर बाजारों में रौनक तो दिखी लेकिन पहले की तरह नहीं। जामा मस्जिद, सीलमपुर-जाफराबाद और ओखला, गाजीपुर मंडी बकरे से सजी दिखाई दीं। वहीं कोरोना की वजह से कारोबार में काफी कमी आई है। खलील अल्लाह ओखला मस्जिद मंडी के सामने बकरा बेच रहे कारोबारी फिरोज खान का कहना है कि पिछले साल भी बाजार मंदा रहा और इस साल भी बाजार में खरीदार तो हैं लेकिन सही दाम देने को तैयार नहीं हैं। एक बकरे पर 3 खरीदा मिल रहे हैं क्योंकि कोरोना का असर सभी के जेब पर असर पड़ा है।
प्रशासन ने बाजारों में भीड़ को लेकर काफी सख्ती बरती है, जिसके वजह से व्यापारी जामा मस्जिद, सीलमपुर-जाफराबाद और ओखला आदि मंडी में न जाकर अब बटला हाउस, ओखला, जामिया आदि की गलियों में घूम-घूम कर बकरा बेच रहे हैं।
किसानों को भी उठाना पड़ा नुकसान
कुरैशी का कहना है कि इस कारोबार से केवल व्यापारी ही नहीं हजारों किसान भी जुड़े हुए हैं। बकरीद पर होने वाली बकरों की खरीद फरोख्त के लिए हरियाणा, राजस्थान, यूपी समेत कई सूबों के लाखों लोग बकरे पालते हैं। हजारों किसान ऐसे हैं जो साल भर तक बकरों को इस उम्मीद में पालते हैं, कि उनको बकरीद के मौके पर बेचेगें तो अच्छी कीमत हासिल होंगी लेकिन पिछले साल भी कोरोना की वजह से उन्हें उचित दाम नहीं मिल पाया था, इस बार भी खरीदारों के अभाव में उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
नहीं मिल पा रहा है व्यापारियों को सही दाम
बकरा कारोबारी इरशाद कुरैशी ने बताया कि अभी गाजीपुर बाजार में बकरे बिक तो रहे हैं लेकिन पहले की तरह कारोबार नहीं है। पहले लाखों रुपए में बकरे के दाम लगते थे लेकिन इस बार बकरों का दाम 30 हजार तक भी लगना मुश्किल हो रहा है।