पाकिस्तान के शहर क्वेटा स्थित एक गुरुद्वारा, जिसमें भारत-पाकिस्तान विभाजन से ही लड़कियों का सरकारी हाई स्कूल चल रहा था, को बलूचिस्तान सरकार ने सिखों को सौंप दिया तथा स्कूल
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गुरदासपुर (विनोद): पाकिस्तान के शहर क्वेटा स्थित एक गुरुद्वारा, जिसमें भारत-पाकिस्तान विभाजन से ही लड़कियों का सरकारी हाई स्कूल चल रहा था, को बलूचिस्तान सरकार ने सिखों को सौंप दिया तथा स्कूल की छात्राओं को नजदीकी स्कूलों में प्रवेश लेने का आदेश दिया। इस ऐतिहासिक गुरुद्वारे का कब्जा 73 वर्ष बाद मिलने से क्वेटा शहर का सिख समुदाय काफी खुश है।
इस बात की घोषणा गत दिवस बलूचिस्तान सरकार के संसदीय सचिव दिनेश कुमार, जो मुख्यमंत्री के अल्पसंख्यक मामलों के सलाहकार भी हैं, ने की।
लगभग 14000 वर्ग फुट एरिया में बने इस गुरुद्वारे के शहर के बीचों-बीच होने के कारण इसकी जमीन की कीमत करोड़ों रुपए है।
बलूचिस्तान सिख गुरुद्वारा कमेटी के चेयरमैन जसबीर सिंह के अनुसार सरकार द्वारा लिया गया निर्णय ऐतिहासिक है तथा बलूचिस्तान राज्य में रह रहे लगभग 2000 सिखों के लिए यह गुरुद्वारा बहुत महत्व रखता है। इस गुरुद्वारे के कब्जे को लेकर हमने बलूचिस्तान हाईकोर्ट में केस दायर कर रखा था तथा बलूचिस्तान हाईकोर्ट ने हमारे पक्ष में निर्णय दिया था।
उन्होंने कहा कि फरवरी 2020 में बलूचिस्तान सरकार ने 200 वर्ष पुराने मंदिर को भी हाईकोर्ट के आदेश पर हिन्दू समुदाय के लोगों को सौंपा था। उस मंदिर में भी लड़कों का सरकारी हाई स्कूल चलता था।
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